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किस्सा कांशीराम का #5: पहले-पहल कुछ लोग मेरे बारे में अंदाज़ा लगाते थे कि ढेढ़ रुपये की टूटी चप्पल, फटी हुई पैंट-कमीज़ पहनने वाला...
कांशीराम का किस्सा #04: जो लोग अपने आप को ‘चूहड़ा’ या ‘चमार’ कहलवाने में बेईज्ज़ती महसूस करते हैं, हो सकता है वे खुद को...
कांशीराम का किस्सा #3: मेरा कोट कंधों से फटा है तो क्या हुआ? इससे अधिक तो मेरे समाज की गरीब औरतों की सलवार फटी...
किस्सा कांशीराम का 02: इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, बूटा सिंह और पिरथी सिंह ने बर्मिंघम (यूके) गुरु रविदास गुरुद्वारा से पैसा लिया पर मैंने...