25.1 C
New Delhi
Wednesday, October 22, 2025

स्वतंत्र बहुजन राजनीति बनाम परतंत्र बहुजन राजनीति: प्रो विवेक कुमार

स्वतंत्र बहुजन राजनीति” और “परतंत्र बहुजन राजनीति” पर प्रो विवेक कुमार का यह लेख भारत में दलित नेतृत्व की अनकही कहानी को उजागर करता है. 1930 से 1970 के बीच के स्वतंत्र आंदोलनों और बाहरी प्रभावों से प्रभावित राजनीति के बीच के संघर्ष को इस लेख में रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है. क्या कभी आपने सोचा कि बहुजन समाज की आवाज़ कैसे स्वतंत्रता और परतंत्रता के जाल में फंसी? इस लेख में इन सवालों के जवाब मिलने के साथ ही आधुनिक समय में उनकी भूमिका को समझने का एक अनूठा नजरिया सामने आता है. आगे पढ़ें और इस रोमांचक यात्रा में शामिल हों!

स्वतंत्र बहुजन राजनीति बनाम परतंत्र बहुजन राजनीति

स्वतंत्र बहुजन राजनीति में बहुजन खुद अपना राजनैतिक दल और विचारधारा बनाते हैं. वे ऐसे दलों में मुख्यधारा होते हैं. वे खुद अपने नारे गढ़ते है और अपने कार्यक्रम बनाते हैं.

ऐसे दलों में बहुजन अपने दलों को स्वयं के वित्त से पोषित करते हैं. इसके लिए मान्यवर कहा करते थे “सेल्फ रिस्पेक्ट मूवमेंट विल बी रन बाई सेल्फ हेल्प” (आत्मसम्मान का आन्दोलन आत्म सहायता से चलेगा), अगर दूसरे से सहारा लेंगे तो उसका इशारा भी आ जायेगा.

इसके विपरीत ‘परतंत्र बहुजन राजनीति’ में बहुजन नेता सवर्ण समाज बाहुल्य वाले दलों में पाए जाते हैं. वहां वे मुख्यधरा न होकर सवर्ण बाहुल्य वाले दलों में अनुसूचित जाती प्रकोष्ठों या एस. सी. सेल में बंद होते हैं.

ऐसे दलों में बहुजन समाज के नेता की अपनी आत्मनिर्भर विचारधारा एवं नारे नहीं होते. उसे सवर्ण समाज बाहुल्य वाले दलों की विचारधारा एवं नारों को ही दोहराना पड़ता है.

अर्थात “परतंत्र बहुजन राजनीति” बहुजन नेता का कोई आत्मनिर्भर आस्तित्व नहीं बचता जिससे की वो बहुजनो में मुद्दे को उठा सके. वो वहाँ मान्यवर कांशीराम की भाषा में ‘चमचा’ बन कर रह जाता है.

कल्पना कीजिये की 1930 और 1970 के दशक में स्वतंत्र बहुजन (आत्मनिर्भर) राजनीति करना कितना कठिन रहा होगा! धन्य है बाबासाहब, मान्यवर कांशीराम और बहनजी जिन्होंने स्वतंत्र राजनीति की नीव रखी.

जबकि आज जिन्होंने आरक्षण का लाभ लिया, जिनके पास पैसा, शोहरत, सुविधाएँ आदि सब कुछ है फिर भी वे “पे बैक टू सोसाइटी” के फॉर्मूले का अनुसरण करने के बजाये “परतंत्र राजनीति” के लिए अपना सबकुछ गिरवी रख रहे हैं.

यह उनका व्यक्तिगत स्वार्थ है या नहीं यह फैसला मैं बहुजन जनता पर छोड़ता हूँ. आप ही तय करें.

(लेखक: प्रो विवेक कुमार, ये लेखक के अपने विचार हैं)

Download Suchak App

खबरें अभी और भी हैं...

डीग में बसपा का संगठन समीक्षा एवं प्रशिक्षण शिविर, राजस्थान में मजबूती का संकल्प

डीग (भरतपुर), 30 सितंबर 2025 — बहुजन समाज पार्टी द्वारा आज विधानसभा स्तरीय संगठन समीक्षा एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन नगर (डीग) में किया...

Opinion: समाजिक परिवर्तन के साहेब – मान्यवर कांशीराम

भारतीय समाज सहस्राब्दी से वर्ण व्यवस्था में बंटा है. लिखित इतिहास का कोई पन्ना उठा लें, आपको वर्ण मिल जायेगा. ‌चाहे वह वेद-पुराण हो...

बिहार चुनाव 2025: BSP की तैयारी पूरी समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण फैंसलें

बिहार चुनाव: आगामी कुछ महीनों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने चुनावी रणनीति को अंतिम रूप...

एससी, एसटी और ओबीसी का उपवर्गीकरण- दस मिथकों का खुलासा

मिथक 1: उपवर्गीकरण केवल तभी लागू हो सकता है जब क्रीमी लेयर लागू हो उपवर्गीकरण और क्रीमी लेयर दो अलग अवधारणाएँ हैं. एक समूह स्तर...

130वें संविधान संशोधन बिल पर मायावती का तीखा हमला, कहा- “लोकतंत्र होगा कमज़ोर”

नई दिल्ली। संसद में कल भारी हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने 130वाँ संविधान संशोधन बिल पेश किया. इस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा)...

मायावती ने अमेरिकी टैरिफ को बताया ‘विश्वासघाती’, संसद में चर्चा की मांग

Mayawati on Trump: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए भारी-भरकम 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर तीखी प्रतिक्रिया...

अमेरिका की आर्थिक सख्ती पर मायावती की दो टूक – “देशहित से कोई समझौता नहीं होना चाहिए”

Mayawati Big Statement on Trump Action: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री UP मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत पर आयात...

संसद में उठा “सेक्युलरिज़्म” हटाने का मुद्दा, मायावती बोलीं – संविधान से छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं!

नई दिल्ली: संसद में कानून मंत्री के बयान से देश की राजनीति में हलचल मच गई है. चर्चा गर्म है कि क्या सरकार संविधान...

संसद का मानसून सत्र 2025 शुरू: मायावती की सरकार-विपक्ष से एकजुटता की अपील

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बहनजी ने आज से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र 2025 को...

विश्वनाथ पाल ने दिया सपा को झटका, सैकड़ों मुस्लिम नेता बसपा में शामिल

यूपी: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और श्रावस्ती जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके मुखिया अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है. आज दिनांक...

घमासान तेज़: चंद्रशेखर ने भेजा 2.5 करोड़ का नोटिस, रोहिणी घावरी पर पलटवार

भीम आर्मी प्रमुख और आज़ाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आज़ाद ने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में...

गौतम बुद्ध, आत्मा और AI: चेतना की नयी बहस में भारत की पुरानी भूल

भारत की सबसे बड़ी और पुरानी समस्या पर एक नयी रोशनी पड़ने लगी है। तकनीकी विकास की मदद से अब एक नयी मशाल जल...