31.3 C
New Delhi
Sunday, April 20, 2025

मायावती ने दी बुद्ध पूर्णिमा की बधाई; बुद्ध को किया नमन

BSP News: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती बहनजी ने आज बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर तथागत गौतमबुद्ध को नमन किया और दुनियाभर में रहने वाले उनके अनुयाईयों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई दी.

बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात कहते हुए कहा;

  1. सत्य, अहिंसा, भाईचारा व मानवता के आदर्श ज्योति को दुनिया में फैलाकर भारत को जगदगुरु का सम्मान दिलाने वाले तथागत गौतमबुद्ध को आज उनकी जयंति पर शत-शत नमन तथा देश व दुनिया में रहने वाले उनके सभी अनुयाइयों को ‘बुद्ध पूर्णिमा’ की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं.
  2. बीएसपी ने यूपी में अपनी चारों सरकार के दौरान उनके आदर्शों पर चलकर सामाजिक परिवर्तन का युग लाने का काफी प्रयास किया, जबकि दूसरे लोग राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उन्हें माथा टेकते हैं, हालाँकि महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि के बताए रास्ते पर सही से चलकर लोगों के जीवन को सुखी व सम्पन्न बनाना ही सच्चा राजधर्म.
  3. गौतमबुद्ध के बहुजन हिताय के आदर्शों के तहत बीएसपी की सरकार ने यूपी के खासकर गाँव व गरीबों आदि के हित व कल्याण के लिए अनेकों योजनाओं को, अन्यों की तरह कागजों पर नहीं बल्कि उन्हे काफी प्रभावी रूप से जमीन पर लागू करके ग्रामीण भारत को भी खुश व खुशहाल बनाने का प्रयास किया, जो आज भी अपनी मिसाल आप है.

इस खास मौके पर मायावती बहनजी ने बहुजन हिताय बहुजन सुखाय की नीति का जिक्र करते हुए सम्राट अशोक को भी यादि किया और बसपा की यूपी में रही चारों सरकारों के दौरान किए गए जनकल्याणकारी व विकास कार्यों का भी इशारों ही इशारों में जिक्र भी किया.

‘बुद्ध पूर्णिमा’ के शुभ अवसर पर अपने संदेश में बहनजी ने आगे जोड़ा, “तथागत गौतमबुद्ध, जिन्होने सत्य, अहिंसा, भाईचारा व मानवता की आदर्श ज्योति को पूरी दुनिया में फैलाकर भारत्क ओ जगदगुरु का सम्मान दिलाया, उनकी जयंती पर खासकर जाति-भेद, हिंसक मनोवृति, द्वेष आदि को जीवन से त्यागने की प्रतिज्ञा को दोहराने का दिन है, क्योंकि इसी से जीवन व देश में सच्ची सुख-शांति एवं तरक्की निहित है. इसका मूल परमपूज्य बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़क ने देश के संविधान में पूरी तरह से स्थापित किया है, लेकिन इस देश के आमजीवन में उतारने की जिम्मेदारी को सरकारों द्वारा संकीर्ण स्वार्थ की खातिर लगभग भुला दिया है, जिस कारण आमजन-जीवन में सुख-शांति का अभाव नजर आता है.”

Download Suchak App

खबरें अभी और भी हैं...

बहुजन एकता और पत्रकारिता का पतन: एक चिंतन

आज भारतीय पत्रकारिता का गौरवशाली इतिहास रसातल की गहराइयों में समा चुका है। एक ओर जहाँ पत्रकार समाज में ढोंग और पाखंड के काले...

बसपा ने मनाया बाबासाहेब का जन्मोत्सव और पार्टी का स्थापना दिवस

खैरथल: बहुजन समाज पार्टी जिला खैरथल ईकाई ने राष्ट्रनिर्माता, विश्वविभूति बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर का 134वां जन्मोत्सव किशनगढ़ बास मौजूद होटल ब्लू मून में...

बहुजन आंदोलन: नेतृत्व मार्गदाता है, मुक्तिदाता नहीं

बहुजन आंदोलन की पावन परंपरा का प्रारंभ जगद्गुरु तथागत गौतम बुद्ध से माना जाता है। इस ज्ञानदीप्त परंपरा को सम्राट अशोक, जगद्गुरु संत शिरोमणि...

हुक्मरान बनो: बहुजन समाज के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण

भारतीय राजनीति के विशाल पटल पर बहुजन समाज की स्थिति और उसकी भूमिका सदा से ही विचार-विमर्श का केंद्र रही है। मान्यवर कांशीराम साहेब...

भटकाव का शिकार : महार, मुस्लिम और दलित की राजनीतिक दुर्दशा

स्वतंत्र महार राजनीति का अंत महाराष्ट्र में महार समुदाय, जो कभी अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान के लिए जाना जाता था, आज अपने मुद्दों से भटक...

बौद्ध स्थलों की पुकार: इतिहास की रोशनी और आज का अंधकार

आज हम एक ऐसी सच्चाई से पर्दा उठाने जा रहे हैं, जो न केवल हमारी चेतना को झकझोर देती है, बल्कि हमारे समाज की...

वक्फ बिल से बहुजन समाज पार्टी सहमत नहीं: मायावती

Waqf Bill: 2 अप्रैल 2025 को संसद नीचले सदन यानि लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया. जिसे घंटों की चर्चा के बाद...

ओबीसी की वास्तविक स्थिति और उनकी राजनीतिक दिशा

ओबीसी समाज में लंबे समय से यह गलतफहमी फैलाई गई है कि वे समाज में ऊंचा स्थान रखते हैं, जबकि ऐतिहासिक और सामाजिक वास्तविकता...

भारत का लोकतंत्र और चुनावी सुधार: आनुपातिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता

प्रस्तावना: विविधता और जाति व्यवस्था भारत एक विविधतापूर्ण देश है, जहाँ अनेक भाषाएँ, धर्म और हजारों जातियाँ सह-अस्तित्व में हैं। यहाँ की सामाजिक व्यवस्था में...

सपा का षड्यंत्र और दलितों की एकता: एक चिंतन

भारतीय राजनीति का परिदृश्य एक विशाल और जटिल कैनवास-सा है, जहाँ रंग-बिरंगे सामाजिक समीकरणों को अपने पक्ष में करने हेतु विभिन्न दल सूक्ष्म से...

हिंदुत्व, ध्रुवीकरण और बहुजन समाज: खतरे में कौन?

प्रस्तावना: एक गढ़ा हुआ नैरेटिव पिछले कुछ दशकों से भारत में यह नैरेटिव गढ़ा गया है कि हिंदुत्व खतरे में है। इस कथन ने जनमानस...

राजनैतिक लाभ के लिए घिनौनी राजनीति कर रही सपा: मायावती

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी सुमन के विवादित बयान पर राजनीति चर्चा तूल पकड़ती जा रही है. इस मामले में अब बसपा की...