33.1 C
New Delhi
Monday, September 16, 2024

एन दिलबाग सिंह का कॉलम: देश धर्म और जाति का वजूद

इतिहास गवाह हैं, धर्म की आड़ में तानाशाही जन्म लेने लगती है और इंसानियत की पैरवी य़ा तार्किक विरोध भी धर्म के खिलाफ साबित करना शुरू कर दिया जाता है.

लोग कहते हैं कि धर्म इंसानियत सिखाता है लेकिन, इतिहास और वर्तमान दोनों गवाह हैं कि जब-जब लोगों ने धर्म-धर्म चिल्लाना शुरू किया तब-तब निर्दोष लोगों की हत्याएं होना आम बात हो जाती है. मासूम बच्चों तक को भी नही बख्शा जाता और हवस के अंधे लोग औरतों को तो बख्शेगें क्यों?

इतिहास गवाह हैं, धर्म की आड़ में तानाशाही जन्म लेने लगती है और इंसानियत की पैरवी य़ा तार्किक विरोध भी धर्म के खिलाफ साबित करना शुरू कर दिया जाता है. फिर किसी सनकी हिटलर, मुसोलिनी, लादेन य़ा बगदादी के हाथों में किस्मत लिखने को दे दी जाती है. फिर कोई राष्ट्र ईराक या सीरिया की राह पकड लेता है य़ा फिर जर्मनी या इटली की य़ा फिर बर्मा या पाकिस्तान आदि की राह पकड़ कर धार्मिक कट्टरता के अंधे कुंए में देश की जनता और देश के भविष्य को धकेल देता है. भुगतना सिर्फ आम जनता को ही है.

अपने देश में तो धर्म के साथ-साथ जातिवाद भी नफरत के 2 सबसे बड़े कारणों में से एक रहा है. जाति य़ा धर्म के नाम कट्टरता की गंदगी से इंसानियत को मरने के लिए ना छोड़े, सरकारों को चाहिए कि जाति-धर्म के नाम पर कट्टरता फैलाने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानुन (NSA) के तहत गिरफ्तार करके देश में नफरत फैलाने वालों पर शिकंजा कसे रखना चाहिए वरना देश तरक्की कर ही नही पायेगा.

बड़ी अजीब दांस्तान है देश की, हिंदू-हिंदू एक हैं कहके सत्ता चाहते हैं और अपने जातिप्रेम में फंसकर नफरत को संस्कृति माने बैठे हैं. लोगों से हिंदू तक बना नही जाता – एक अच्छा भारतीय बनना तो बहुत दूर की बात है. अभी तक तो जातिवाद भी लोगों के घरों की दीवारों पर चिपका पड़ा है. 5-7 साल के बच्चे से लेकर मरने की आखिरी घड़ियाँ गिनने वाला 80-85 साल का बुजुर्ग तक भी जाति से चिपका पड़ा नजर आना आम घटना हैं. कहीं-कहीं तो मरने के बाद श्मशान भी अलग-अलग जातियों के अलग-अलग हैं. ऐसे में आग में मृतक का शरीर तो जल जाता है लेकिन उसकी जाति उसी राख में वहीं पड़ी रह जाती है जो बाद में चुपके से फिर घरों की दिवारों से चिपक जाती है.

कुछ गलत कह दिया हो तो प्लीज मुझे करैक्ट करना और अगर सही कह रहा हूँ तो अपनी या अपने परिवार वालों की निहायत छोटी सोच पर रोज शर्मिंदा होना चाहिए ताकि हम सबको ये अहसास रहे कि देश में आपने हमने मिलकर कितनी नफरत भर दी है.

(लेखक: एन दिलाब सिंह; ये लेखक के अपने विचार हैं)

Download Suchak App

खबरें अभी और भी हैं...

Opinion: राजेंद्र पाल गौतम एक संकेत मात्र; आम आदमी पार्टी अवसान की ओर बढ़ रही

मार्च 2022 में पंजाब विधान सभा में भारी जीत और दिसंबर 2022 में गुजरात में आंशिक सफलता के बाद जब 10 अप्रैल, 2023 को...

Opinion: महिला सुरक्षा की आड़ में दलितों को दफ़न करने की नापाक साज़िश

कोलकाता में जो कुछ हुआ बहुत गलत हुआ है। यह अमानवीय जघन्य कृत्य हैं। यह कोलकाता का ही मामला नहीं है बल्कि पूरे देश...

Opinion: ‘कृतज्ञता’ महान व्यक्तित्व (बहनजी) का गुण है

बहनजी भारत की एकमात्र नेता हैं जो राजनैतिक नफे-नुकसान से ऊपर उठकर फैसले लेती हैं। उनकी स्पष्टवादिता का तो कोई सानी ही नहीं है।...

Opinion: दलितों को बांटने की साज़िश कांग्रेस की है

दलितों को बांटने का षड़यंत्र 'कांग्रेस' का है। पंजाब में दलितों को कांग्रेस ने 1975 में ही बांट दिया। इस तरह का बंटवारे दलितों...

लोकतंत्र को कमजोर करेगा ‘One Nation, One Election’

One Nation, One Election देश में लोकतंत्र को कमजोर करने की साज़िश है. दलित, आदिवासी, पिछड़े और अकिलियत समाज की आवाज को दबाने, उनकी...

BSP News: राजस्थान में अत्याचार के खिलाफ़ बसपा का हल्ला बोल; भाजपा सरकार को घेरा

राजस्थान: बहुजन समाज पार्टी ने राजस्थान प्रदेश में बढ़ रहे जुल्म ज्यादती के खिलाफ़ कल भाजपा सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोल डाला. सभी जिला...

फूलन देवी की कहानी कविता की जुबानी: नारी गौरव फूलन बौद्ध को सादर नमन

फूलन देवी के शहादत दिवस पर कवि बुद्ध प्रकाश बौद्ध जी ने अपनी कविता के माध्यम से फूलन देवी को नमन किया है. उनकी...

25 जून को मनाया जाएगा संविधान हत्या दिवस; भारत सरकार ने जारी करी अधिसूचना

संविधान हत्या दिवस: भारत सरकार ने अधिसूचना जारी करके देश में 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित किया है. इस दिन तत्कालीन कांग्रेस...

B-Team पर कांग्रेस-भाजपा को लताड़ा; प्रकाश अम्बेड़कर ने कहा मैं फुले-शाहू-अम्बेड़कर की टीम हूँ

महाराष्ट्र: बाबासाहेब के पौत और वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश अम्बेड़कर जी ने बी-टीम टैग को लेकर कांग्रेस और भाजपा को...

Opinion: बाबासाहेब को जानने वाले ज्यादा हैं परन्तु उनकी मानने वाले बहुत कम

किसी जन समुदाय पर गौर किया जाय तो किसी मुद्दे, एजेण्डे या विचारधारा को लेकर एक सामान्य पैटर्न देखने को मिलता है कि कितनी...

मोदी सरकार की अस्थिरता: मध्यावधि लोकसभा आमचुनाव की आहट

आज (24.06.2024) आठ्ठारहवीं लोकसभा की शुरुआत हो रही है। यह बसपा की सूझबूझ और रणनीति का परिणाम कि किसी दल पूर्ण बहुमत नहीं मिला।...

बसपा ने वंचित समाज को राजनैतिक तौर पर चैतन्य समाज बना दिया है

बसपा के खिलाफ़ कांग्रेस, सपा आदि दलित विरोधी दलों व चमचे किस्म के संगठनों द्वारा दुष्प्रचार करके बहुजन समाज को भ्रमित किया जा रहा...