बहुजन का उदय
कांग्रेस ने वादे किए, पर भूल गई सब काम,
भाजपा भी छलती रही, सबने किया अत्याचार,
मनुवाद की जंजीरों में, बंधा रहा बहुजन समाज।
बाबासाहेब सन्देश दिए, कहा सत्ता है जरूरी,
बी.एस.पी. बनी राह, टूटी जन-जन की मजबूरी।
कांग्रेस भाजपा समाजवादियों से दूर रहो, ये सब छल हैं,
जो कुछ मिला आज तक, सब आन्दोलन का प्रतिफल है,
बसपा ने सम्मान दिया, बहना से बहुजन का मनोबल है,
बहुजन एकता क़ायम रहे, यही बहुजन का सच्चा बल है।
शोषण की सीढ़ी तोड़ो, ऊँच-नीच का भेद मिटाओ,
करो वोट का सदुपयोग, खुद अपनी तक़दीर बनाओं,
संगठित हो, संघर्ष करो, सत्ता अपने हाथ में लाओं,
सजाओ भारत को संविधान से, फिर भारत राष्ट्र बनाओ,
चहुँ ओर खुशहाली होगी, भारत उपवन को महकाओं।
