World’s Tallest Statue of Ambedkar in Vijayawada unveil: संविधान निर्माता, राष्ट्रनिर्माता, सिम्बल ऑफ नॉलेज और भी ना जाने कितनी उपमाएं आप इस महान शख्स को दे सकते हैं. लेकिन, उनकी तारीफ पूरी नही होगी. हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे शिक्षित माने जाने वाले शख्स बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर की.
अब इनके कसीदे में एक और चैप्टर जुड़ गया है. तेलंगाना की राजधानी में बनी बाबासाहेब की 125 फीट ऊँची मूर्ती के बाद अब पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में देश और दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ती बनकर तैयार हो गई है. जो आम जनता के लिए 20 जवनरी 2024 से उपलब्ध हो जाएगी.
विजयवाड़ा का स्वराज मैदान कल से डॉ बी आर अम्बेड़कर स्वराज मैदान के नाम से जाना जाएगा. 29 एकड़ में फैले इस मैदान में ही बाबासाहेब की 206 फीट ऊँची मूर्ती लगी है. जिसका आधार 81 फीट और मूर्ती की ऊँचाई 125 फीट है.
अगर, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (I&PR) विभाग की माने तो यह मूर्ती अधार्मिक श्रेणी में भारत की सबसे ऊँची मूर्ती होगी.
बाबासाहेब की सबसे ऊँची मूर्ती की खासियतें
206 फीट ऊँची इस मूर्ती में आधार और मूर्ती दो भाग होंगे. आधार की कुल ऊँचाई 81 फीट होगी जो एक म्युजियम होगा और इसके ऊपर रखी गई मूर्ती की लम्बाई 125 फीट होगी. इस प्रकार इस मूर्ती की कुल ऊँचाई 206 फीट हो जाएगी. इस मूर्ती के आधार (कालचक्र महा मंड़ल) की बनावट बौद्ध वास्तुकला से प्रभावित है.
इस मूर्ती को बनाने से पहले सरकार द्वारा बाबासाहेब से जुड़े विभिन्न स्थलों का जायजा लिया गया. इनमें दीक्षा भूमी (नागपुर), चैत्य भूमी (मुम्बई), अम्बेड़कर मेमोरियल (लखनपुर) और मायावती बहनजी द्वारा निर्मित विश्व प्रसिद्ध “दलित प्रेरणा स्थल (नोएडा)” शामिल हैं.
इस मूर्ती को बनाने में करीब 353 मेट्रिक टन स्टील और 112 मेट्रिक टन ताम्बा का इस्तेमाल हुआ है. इस मूर्ती प्रोजेक्ट को YS Jagan Mohan Reddy सरकार द्वारा 2020 में शुरु किया गया था.