“सत्य के समक्ष सत्ता का संकट: बहनजी का मुस्लिम आरक्षण का आह्वान”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी पिछले एक दशक से एक से बढ़कर एक झूठ बोलते रहे हैं। भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों तक में अपने झूठ से भारत को शर्मसार करते रहें हैं। दूसरों के सवालों का जवाब तो आज तक नहीं दिया, आज तक एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस तक नहीं किया परन्तु दूसरों का मजाक बनाने तक से वे कभी नहीं चूके हैं, जो कि एक प्रधानमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति को कभी शोभा नही देता है। फिलहाल, अपने इसी बड़बोलेपन के चलते प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल, मध्य प्रदेश, में मुस्लिम समाज के संदर्भ में कहा कि भारत में रहने वाले 80 प्रतिशत मुसलमान पसमांदा, पिछड़े, शोषित हैं। पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय की एकमात्र राष्ट्रीय व सर्वमान्य नेता बहनजी ने अपने सकारात्मक एजेण्डे के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उनके ही शिकारी जाल में कैद कर दिया है।
30 जून 2023 को भारत की तीसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय बसपा की तरफ से भावी प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार बहनजी लिखतीं हैं कि – पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर यह कहना कि भारत में रहने वाले 80 प्रतिशत मुसलमान ’पसमांदा, पिछड़े, शोषित’ हैं, यह उस कड़वी जमीनी हकीकत को स्वीकार करना है जिससे उन मुस्लिमों के जीवन सुधार हेतु आरक्षण की जरूरत को समर्थन मिलता है। आज जब बहुजन समाज की युवा पीढ़ी अपनी ऊर्जा एवं समय अनावश्यक मुद्दों व घटनाओं पर खर्च कर रहा है तो वही बहनजी भारत राष्ट्र निर्माण में मुस्लिम समाज की समुचित भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु उनके आरक्षण के लिए आवाज बुलंद कर रहीं हैं।
1. पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर यह कहना कि भारत में रहने वाले 80 प्रतिशत मुसलमान ’पसमांदा, पिछड़े, शोषित’ हैं, यह उस कड़वी जमीनी हकीकत को स्वीकार करना है जिससे उन मुस्लिमों के जीवन सुधार हेतु आरक्षण की जरूरत को समर्थन मिलता है।
— Mayawati (@Mayawati) June 30, 2023
आगे बहनजी लिखतीं हैं कि – अतः अब ऐसे हालात में बीजेपी को पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण मिलने का विरोध भी बंद कर देने के साथ ही इनकी सभी सरकारों को भी अपने यहाँ आरक्षण को ईमानदारी से लागू करके तथा बैकलॉग की भर्ती को पूरी करके यह साबित करना चाहिए कि वे इन मामलों में अन्य पार्टियों से अलग हैं। बहनजी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा, उसकी राज्य सरकारों और मुस्लिमों के हितैषी होने का दावा करने वाली कांग्रेस, राजद-जदयू, सपा, टीएमसी आदि के नेतृत्व में चल रही सभी राज्य सरकारों को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
फिलाहल, बहनजी ने बहुजन समाज ही नहीं बल्कि, भाजपा समेत सभी मनुवादी दलों को कठघरे में खड़ा कर, पूरे देश के लिए एक राष्ट्रीय विषय (मुस्लिम आरक्षण) तय कर दिया है। सच्चर कमेटी भी देश में मुस्लिम समाज की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है। देश की कुल आबादी के छठे हिस्से से भी अधिक तादाद वाले मुस्लिम समाज की भागीदारी का मुद्दा एक राष्ट्रिय मुद्दा है। इस पर चर्चा होनी ही चाहिए। अब क्या मोदी जी, भाजपा, उसकी राज्य सरकारें मुस्लिम समाज के आरक्षण को लागू करेंगी? क्या इनके समर्थक मुस्लिम आरक्षण का विरोध बंद करेगें? क्या मुस्लिम वोटों को लालायित कांग्रेस, राजद, जदयू, सपा, टीएमसी आदि मुस्लिम आरक्षण का समर्थन करेंगी, विरोध करेगीं या फिर जिनकी अपनी अलग-अलग राज्यों में सरकारें हैं वे मुस्लिम आरक्षण को लागू करने की पहल करेगीं? इन सभी को मुस्लिम आरक्षण के संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।