नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जी ने आज तीन राज्यों चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब के पदाधिकारियों की अहम बैठक ली. इस बैठक में इन राज्यों की सरकारों के सुस्त रवैये पर फटकार लगाई गई साथ में पार्टी पदाधिकारियों को सरकार की विफलताओं को लोगों को समझाने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं.
बसपा सुप्रीमो ने कहा, “पंजाब और हरियाणा में जिस तरह से कानून व्यवस्था तार-तार हो रही है और जातिगत अपराध के मामले बढ़ रहे हैं और इन सब पर वहां की सरकारों की चुप्पी बेहद चिंताजनक है. हरियाणा में बीएसपी का एक मजबूत कैडर है और अब पार्टी में अहम फेरबदजल कर पार्टी को हर स्तर पर इन दोनों ही राज्यों में मजबूत किया जाएगा.”
आगे अपनी बात बढ़ाते हुए उन्होने कहा, “लोकसभा आम-चुनाव से पहले तेजी से बदल रहे राजनीतिक हालात के मद्देनजर पार्टी को पूरे तन मन धन से समर्पित कर्मठ व मिशनरी लोगों को आगे कर के चुनाव में अच्छा रिजल्ट लाने का भरपूर प्रयास करना है.”
हरियाणा में विकास बाधित हुआ: मायावती
बसपा सुप्रीमो ने हरियाणा राज्य में विकास नही होने के मामले को पुरजोर तरीके से उठाया और उन्होने इस संदर्भ में कहा, “हरियाणा की गठबंधन सरकार में मतभेद व आपसी विवाद के बढ़ने के कारण प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता और चुनावी वादाखिलाफी के कारण विकास बाधित हुआ है जिससे जनता दुःखी व परेशान है और महिला पहलवानों द्वारा शोषण के विरुद्ध आन्दोलन करने को मजबूर होने के बावजूद इनके प्रति भाजपा व इनकी सरकारों के उदासीन रवैये को लेकर भी लोगों में नाराजगी है.
हरियाणा ने दूसरी पार्टियों का जातिवादी खेल बहुत सहन कर लिया है और अब यहाँ के सर्वसमाज के लोगों को बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर की अनुयाई पार्टी को सरकार बनाने का मौका देकर जरूर आज़माना चाहिये, ताकि करोड़ों दबे कुचले, गरीब, श्रमिक व किसान समाज व उपेक्षित समाज को उनका कानूनी हक सही से मिले और वे अपने पैर पर खड़े हो सकें.
हरियाणा में बी. एस. पी. का अपना जनाधार पहले से मौजूद है जिसे कैडर के आधार पर आगे और मजबूत करके अपने आपको वैसे ही “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की आदर्श अम्बेडकरवादी पार्टी साबित करना है जैसाकि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल आबादी वाले सूबे में बी. एस.पी ने चार बार अपनी सरकार बनाकर प्रमाणित किया है.
यूसीसी (समान नागरिक संहिता) की वर्ततमान में कोई जरूरत नही: मायावती
देशभर में इन दिनों चर्चित यूसीसी यानि समान नागरिक संहिता को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर अपना रुख साफ किया और इसे वर्तमान में देश के लिए गैर-जरूरी बताया. उन्होने यूसीसी पर कहा,
इस मामले के बाद उन्होने पंजाब राज्य के गरीबों, दलितों और उपेक्षित लोगों की खस्ता हालात पर चर्चा की साथ में बसपा की सरकार बनाने का आह्वान किया ताकि उनके हर प्रकार की समस्याओं का समाधान पार्टी सत्ता हासिल करने के बाद कर पाए.
इस मौके पर उन्होने यूपी के चार बार के शासन काल को रोल मॉडल के रूप में पेश करते हुए कहा, “बी.एस.पी. को वोट व सरकार का मतलब हर प्रकार का न्याय व शोषण, अन्याय, अत्याचार से मुक्ति । यह सब बी. एस.पी. ने यूपी में चार बार के शासन में साबित करके दिखाया है.”