30.1 C
New Delhi
Wednesday, October 22, 2025

अपना CM PM चुनना सीखिये

राष्ट्रपति या राज्यपाल बनने या मनुवादी विचारधारा वाली पार्टियों के सांसद विधायक बनने से कुछ नहीं बदलेगा. लेकिन, अम्बेड़करवादी विचारो पर अमल करने वाले दलित आदिवासी SP, DM, CM, PM होने से जरूर बहुत कुछ बदलता है.

आज इक्कीसवीं सदी मे भी दलित और आदिवासी समाज गैर बराबरी की लड़ाई धरातल पर लड़ ही रहा है, इनमे से अधिकतर के पास ले देकर कुछ सरकारी नौकरियाँ और छोटे मोटे काम धंधे ही है. देश की आजादी के बाद भी देश की सम्पतियों पर कुछ ही वर्गो का कब्जा रहा और ये लोग आज इन्ही सम्पतियों की चौकीदारी में लगे हैं या दूसरे के खेतों और फैक्ट्रियों में मजदूर का काम कर रहे हैं. वैसे तो नाम के लिए दलित आदिवासियों के आरक्षण वाले हजारों विधायक, सैकड़ों सांसद, राज्यपाल और राष्ट्रपति तक मिल जायेगें लेकिन ये अधिकतर गुँगे बहरे तो अपनी-अपनी पार्टियो के रिमोट कंट्रोल से चलने वाले लोग ही साबित हुए हैं.

देश भर मे दलितों/महादलितों के साथ मारपीट की घटनाए नॉन स्टॉप होती रहती हैं लेकिन, दलितों के लिए मीडिया ब्रैंडिड नेता सिर्फ उन्ही केसों में टीवी कैमरे के सामने तड़क भड़क वाले ब्यान देते दिखते है जो कहीं से भी समाधान नही दिखता. हाथरस और नेमावर जैसे कांड तो रोज हो रहे है, हमारी दलित आदिवासी उत्पीड़न पर योजनाएं एवम सोच विचार सिर्फ कैमरे के इर्द गिर्द तक नही हो सकती, इन्हे योजनाबद्ध तरीके से रोकने पर काम करने की सख्त जरूरत है. क्योकि इस तथाकथित सभ्य समाज के लिए खेतों में काम कर रहे मजदूरों व अन्य आर्थिक व सामाजिक तौर पर कमजोर वर्गो का उत्पीड़न आम बात है. गरीब दलित आदिवासियों पर अपराध करने वालों में हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई और प्रशासन कोई पीछे नही रहना चाहता.

मान्यवर कांशीराम साहेब कहा करते थे कि सवाल ये नही है कि दलित आदिवासियों पर अपराध होते है, सवाल ये है कि दलित आदिवासियों पर अपराध होते ही क्यों है?

अपराध रोकने है तो अपनी वोटों से अपने हको की लड़ाई लड़ने वाली विचारधाराओं वाली सरकारों को चुनो. ये जो कुछ लोग काला चश्मा और गमझा पहनकर आलतु फालतु की बात करते हैं, ये समाधान नही है – यकीन ना हो तो दलित उत्पीड़न पर NCRB के आकड़े उठा के देख लो.

राष्ट्रपति या राज्यपाल बनने या मनुवादी विचारधारा वाली पार्टियों के सांसद विधायक बनने से कुछ नहीं बदलेगा. लेकिन, अम्बेड़करवादी विचारो पर अमल करने वाले दलित आदिवासी SP, DM, CM, PM होने से जरूर बहुत कुछ बदलता है. ये राजनैतिक बदलाव ही आपकी जरूरतों को बिना कहे वो सब समझता है जिसकी आपको सही में सबसे ज्यादा जरूरत होती है.

अम्बेड़करवादी विचारधारा वाले लोगों को अगर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री चुना जायेगा तो उनको बताने की जरूरत नही पड़ती कि बैकलॉग वेकैंसी भरो या लाखो एकड़ खेती की जमीन गरीब और जरूरतमंदो में बटवाओ या फिर महापुरुषों के नाम पर सैकड़ों स्कूल, कालेज, हस्पताल या युनिवर्सिटीयों का निर्माण करके लोगों में सामाजिक और राजनैतिक चेतना जागृत करो ताकि एक समतामूलक समाज बनने की दिशा में भारत आगे बढ़े.

सिर्फ 4.5 महीने के अंदर किसी बिगड़े हुए प्रदेश से डेढ़ लाख से ज्यादा आवारा, बदमाशो और असामाजिक तत्वो को जेल में बंद करके गरीबो का शोषण रोक दे, ऐसी शक्ति किसी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री में ही होती है और ऐसा कारनामे देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में एक दलित महिला मुख्यमंत्री कर चुकी है.

आप अपनी वोट को बेईमानो और दलालो से बचाकर इस्तेमाल करोंगे तो सही में ही अच्छी सरकार चुनी जायेगी वरना कोई ना कोई तो सरकार चुनी ही जानी है. इसी बदलाव के लिए बाबासाहेब ने लोगो को शिक्षित करने, संगठित करने व संघर्ष करने को कहा था, हजारो संगठन बनाकर वोटों के गलत इस्तेमाल से अम्बेड़करवादी विचारधारा की राजनीतिक शक्ति को खत्म करने को नही कहा था.

शक्तिशाली समाज बनाना है तो शोषित समाज को अपनी वोटों की कीमत समझनी होगी, अपने हको के लिए लड़ने वाले अम्बेड़करवादी प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री चुनने के लिए दम लगाना होगा. आपकी वोटों को पाने के लिए राष्ट्रपति या राज्यपाल के कुछ पद देने के लिए तो मनुवादी पार्टीयाँ हमेशा से ही तैयार मिलेगी. इसलिए अपने समाज को शिक्षित कीजिए, संगठित होकर राजा चुने – इसके बाद तुम पर अपराध करने वालो के हौसले जल्द ही टूट जाने है.

(लेखक: एन दिलबाग सिंह, यह लेखक के अपने विचार हैं)

Download Suchak App

खबरें अभी और भी हैं...

डीग में बसपा का संगठन समीक्षा एवं प्रशिक्षण शिविर, राजस्थान में मजबूती का संकल्प

डीग (भरतपुर), 30 सितंबर 2025 — बहुजन समाज पार्टी द्वारा आज विधानसभा स्तरीय संगठन समीक्षा एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन नगर (डीग) में किया...

Opinion: समाजिक परिवर्तन के साहेब – मान्यवर कांशीराम

भारतीय समाज सहस्राब्दी से वर्ण व्यवस्था में बंटा है. लिखित इतिहास का कोई पन्ना उठा लें, आपको वर्ण मिल जायेगा. ‌चाहे वह वेद-पुराण हो...

बिहार चुनाव 2025: BSP की तैयारी पूरी समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण फैंसलें

बिहार चुनाव: आगामी कुछ महीनों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने चुनावी रणनीति को अंतिम रूप...

एससी, एसटी और ओबीसी का उपवर्गीकरण- दस मिथकों का खुलासा

मिथक 1: उपवर्गीकरण केवल तभी लागू हो सकता है जब क्रीमी लेयर लागू हो उपवर्गीकरण और क्रीमी लेयर दो अलग अवधारणाएँ हैं. एक समूह स्तर...

कर्नाटक में दलित आरक्षण का 6:6:5 फॉर्मूला तय; जानिए किसे कितना मिला आरक्षण?

बेंगलुरु: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार रात लंबी कैबिनेट बैठक में अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 17% आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटने...

130वें संविधान संशोधन बिल पर मायावती का तीखा हमला, कहा- “लोकतंत्र होगा कमज़ोर”

नई दिल्ली। संसद में कल भारी हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने 130वाँ संविधान संशोधन बिल पेश किया. इस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा)...

स्वतंत्र बहुजन राजनीति बनाम परतंत्र बहुजन राजनीति: प्रो विवेक कुमार

"स्वतंत्र बहुजन राजनीति" और "परतंत्र बहुजन राजनीति" पर प्रो विवेक कुमार का यह लेख भारत में दलित नेतृत्व की अनकही कहानी को उजागर करता...

मायावती ने अमेरिकी टैरिफ को बताया ‘विश्वासघाती’, संसद में चर्चा की मांग

Mayawati on Trump: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए भारी-भरकम 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर तीखी प्रतिक्रिया...

अमेरिका की आर्थिक सख्ती पर मायावती की दो टूक – “देशहित से कोई समझौता नहीं होना चाहिए”

Mayawati Big Statement on Trump Action: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री UP मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत पर आयात...

संसद में उठा “सेक्युलरिज़्म” हटाने का मुद्दा, मायावती बोलीं – संविधान से छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं!

नई दिल्ली: संसद में कानून मंत्री के बयान से देश की राजनीति में हलचल मच गई है. चर्चा गर्म है कि क्या सरकार संविधान...

संसद का मानसून सत्र 2025 शुरू: मायावती की सरकार-विपक्ष से एकजुटता की अपील

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बहनजी ने आज से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र 2025 को...

विश्वनाथ पाल ने दिया सपा को झटका, सैकड़ों मुस्लिम नेता बसपा में शामिल

यूपी: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और श्रावस्ती जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके मुखिया अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है. आज दिनांक...