आजादी मिलने से पहले ही वंचित समाज अपना खुद का मीडिया शुरु करने की जद्दो-जहद में जुटा हुआ है. बाबासाहब ने अपने दौर में एक सफल प्रयास किया भी और आजादी के बाद तक पत्र-पत्रिकाओं को प्रकाशित करने में कुछ सफल रहें.
इसके बाद तमाम संस्थाओं और व्यक्तियों ने इस काम को शुरु करने का असफल प्रयास किया और बंद हो गए है. बहुजन समाज पार्टी ने भी अपना “बहुजन संगठन” शुरु करके कदमताल करने की कोशिश की लेकिन, अपने अंदरूनी कलहों के कारण इसे भी तिलांजली देनी पड़ी.
अब 21वीं सदी में एक नया वर्ग वंचितों में उभरा है जिसने अपने महापुरुषों द्वारा शुरु किए काम को नए रुप में फिर से हाथ में लेने का प्रयास किया है. अब उसके पास डिजिटल हथियार है जिनकी बदौलत वह इस काम को सहजता और बिना खास पूंजी के भी करने में सफल हो रहा है.
दलित दस्तक, आवाज इंडिया टीवी, समता आवाज टीवी, डीएनएन हिंदी, द मूकनायक, द न्यूज वीक, अम्बेडकराइट पिपल्स वॉइस, धाकड़ टीवी, डेमोक्रेटिक भारत, नेशनल दस्तक, अम्बेडकरनामा, भीम मिशन टीवी और भी ऐसे सैंकड़ो नाम है जिन्हे यहां लिख पाना संभव नही है. वंचित समाज के ये सभी नाम भारतीय न्यूज इंडस्ट्री की कुर्सी को कुछ हद तक हिलाने में कामयाब हुए है. इनकी बदौलत आज वंचित समाज की आवाज राष्ट्रीय पटल पर उठ पा रही है. यह सभी प्लैटफॉर्म डिजिटल रूप में वंचितों की आवाज उठा रहे हैं.
इस डिजिटल फिल्ड में एक कदम और आगे बढ़ते हुए Suchak App की एंट्री हुई है. जो बहुजन मीडिया में एक नए दौर की शुरुआत करने जैसा है. क्योंकि, अभी तक बहुजन मीडिया पूर्ण रूप से स्वतंत्र नही है. वह यूट्यूब, फेसबुक, गूगल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा उपलब्ध प्लैटफॉर्म का उपयोग करके अपना प्रकाशन चला रही है. जिनकी सेवा शर्तों के बंधन से मुक्त होना अपने संस्थान को बंद करने के समान है.
क्या है Suchak App?
सूचक एप एक स्वतंत्र न्यूज एप है. जो मोबाइल फोन पर चलता है. यह एप पूर्ण रूप से बहुजन समाज के लिए तैयार किया गया एप है जहां पर यूजर्स के लिए बहुजन न्यूज चैनल्स एक ही जगह पर उपलब्ध करवाएं गए हैं और अपने मन पसंद बहुजन न्यूज चैनल की खबरें मुफ्त में देख सकते हैं. साथ में खबरों को पढ़ने की सुविधा भी एप द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है. इस एप को देखने पर यह एक न्यूज एग्रिगेटर और न्यूज एप का मिश्रण लगता है. क्योंकि, बहुजन चैनल, वेबसाइट, अखबार-पत्रिकाओं के अलावा खुद न्यूज भी प्रकाशित करता है. यह न्यूज बाइट साइज में प्रकाशित होती है. जिन्हे सूचक एप “शॉर्ट्स” कहकर पुकारता है.
आपको यह सुविधा अभी तक किसी भी बहुजन मीडिया हाउस द्वारा उपलब्ध नही करवाई गई है. इसलिए, सूचक एप बहुजन मीडिया में अपने आप में पहला और अनोखा प्रयोग है. जिसे सरसरी तौर पर देखने पर मालूम होता है कि यह लंबी रेस दौड़ने आया है. लेकिन, सूचक एप जिस वर्ग के लिए तैयार हुआ है इसकी खरिदी क्षमता अन्य भारतीयों के मुकाबले बहुत कम है. देखना दिलचस्प होगा कि यह एप अपने आप को जिंदा कैसे रख पाएगा?
क्या खास है Suchak App में?
सरल शब्दों में कहें तो सूचक एप तमाम बहुजन प्लैटफॉर्म्स को एक छतरी के नीचे लाने का प्रयास है. जहां पर आपको लगभग सभी बहुजन चैनल्स देखने को मिल जाएंगे. इस एप में आप इन सभी चैनल्स को “Live TV” के अंतर्गत देख सकते हैं. हांलाकि, अभी तक बहुजनों के पास अपना कोई टीवी चैनल (आवाज इंडिया टीवी को छोड़कर) नही है. लेकिन, एप में यह सेक्शन देकर इसकी परिकल्पना की गई है जो बहुजन मीडिया के लिए सम्मान की बात है. क्योंकि, तमाम बहुजन चैनल खुद को परिचित करते समय यूट्यूब चैनल बताते हैं वहीं इस एप में इन्हे लाइव टीवी की संज्ञा दी गई है. जो इन चैनल्स के लिए भी सोचने वाली बात है.
बहुजन चैनल्स का अड्डा: सूचक एप सभी बहुजन न्यूज चैनल्स को एक स्थान उपलब्ध करवा रहा है. जहां यूजर्स के लिए चैनल ढूँढ़ना सुलभ होगा वहीं बहुजन मीडिया के लिए दर्शकों का एक नया वर्ग मिलेगा. यह बहुजन मीडिया के लिए यूट्यूब, फेसबुक के अलावा खुद का स्वतंत्र प्लैटफॉर्म भी विकसित करने का बड़ा मौका हो सकता है.
पढ़ पाएंगे बहुजन खबरें: यदि आपको पढ़ने का शौक है तो आप बहुजन खबरें आसानी से पढ़ भी पाएंगे. क्योंकि, चैनल्स के अलावा सूचक एप जिन बहुजन चैनल्स द्वार वेबसाइट पर भी खबरें प्रकाशित की जाती हैं. उन खबरों को भी यहां पढ़ पाने की सुविधा होगी. यूजर्स को अलग-अलग वेबसाइट पर जाकर खबरें पढ़ने की जरूरत नही होगी. वे एक ही स्थान पर सभी बहुजन वेबसाइटों द्वारा प्रकाशित खबरों को पढ़ पाएंगे.
शॉर्ट्स के रूप में मिलेगा ताजा अपडेट: सूचक एप खुद को सिर्फ न्यूज एग्रिगेटर तक सीमित नही कर रहा है. वह खुद भी न्यूज प्रकाशित करता है. यह खबरें “शॉर्ट्स” के रूप में प्रकाशित होती हैं. जो केवल अधिकतम 90 शब्दों में लिखि होती है. अगर, आपके पास बड़ी खबरें देखने और पढ़ने का समय नही है तो आप शॉर्ट्स के जरिए बहुजन समाज की खबरों से खुद को अपडेट रख सकते हैं.
क्या भविष्य है सूचक एप का बहुजन मीडिया में?
बहुजन मीडिया एक उभरता हुआ न्यूज क्षेत्र है जो काल्पनिक बुनियाद पर टिका हुआ है. इसका नाम ही बताने के लिए काफी है कि बहुजन मीडिया किस फिल्ड को तैयार कर रही है. क्योंकि, बहुजन शब्द की परिकल्पना राजनीति के लिए बहुजन समाज पार्टी द्वारा की गई थी. हकिकत में बहुजन नाम से कोई जात/वर्ग भारत में निवासित है. सबसे बड़ी चुनौती बहुजन मीडिया के लिए यही है कि वह बहुजन नाम की जमात कैसे तैयार करता है?
सूचक एप की एंट्री इस फिल्ड में बिल्कुल नई और अनोखी है. ऐसा प्रयास अभी किसी भी स्टेब्लिश बहुजन मीडिया हाउस द्वारा नही किया गया है. इसलिए, देखना दिलचस्प होगा कि सूचक एप इस इंडस्ट्री में कैसे सर्वाइव करेगा और बहुजन मीडिया के लिए क्या देगा. इसके भविष्य के बारे में कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगी.
एक बात तो साफ है सूचक एप के रूप में स्वतंत्र बहुजन मीडिया प्लैटफॉर्म्स की शुरुआत में यह एक ऐतिहासिक कदम है, जो बहुजन मीडिया के नए दौर की शुरुआत है. दैनिक दस्तक टीम की तरफ से सूचक एप को बहुत-बहुत बधाई!