BSP News: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा मायावती बहनजी ने दिल्ली चुनाव और यूपी में एक सीट मिल्कीपुर सीट पर मिली करारी हार पर जवाब दिया है. बकौल मायावती, “हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर की.” उनकी यह लाइन आज मीडिया की सुर्खियाँ बनी हुई है.
मायावती ने तमाम मुद्दों को अपनी टिप्पणी में शामिल किया है. साथ ही अपने समर्थकों को भी उन्होने मनोबल देने का काम किया है.
भाजपा को गिनाई जिम्मेदारी
बसपा सुप्रीमो मायावती बहनजी ने भाजपा की जीत पर बड़ी टिप्पणी करते हुए उन्हे दिल्ली वासियों की जिम्मेदारी उठाने की मांग कर दी है. मायावती ने भाजपा को टार्गेट करते हुए कहा, “दिल्ली की जनता ने ‘हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर की’ के तर्ज पर विधानसभा आमचुनाव में वोट देकर भाजपा की सरकार 27 वर्षों के बाद दिल्ली में बना दी है, तो केंद्र की भाजपा सरकार का उत्तरदायित्व बनता है कि वह दिल्ली की लगभग दो करोड़ जनता से किए गए जनहित व जनकल्याण के तमाम वादों और गारंटियों आदि को पूरी ईमानदारी व निष्ठा से जल्दी पूरा करें.”
उन्होने अपनी बात को पूरा करते हुए आगे जोड़ा, “भाजपा द्वारा वादा व गारण्टी निभाना जरूरी ताकि आम लोगों का जीवन बेहतर अर्थात ‘अच्छे दिन’ वाला, दूसरे गरीब व मेहनतकश लोगों से, थोड़ा बेहतर जरूर हो सके और इस क्रम में सबसे पहले यमुना की सफाई तथा वायु प्रदूषण आदि से मुक्त करके दिल्ली को रहने योग्य स्वस्थ बनाये.”
सपा से मांगा जवाब
दिल्ली चुनाव के बाद बहनजी ने यूपी की मिल्कीपुर सीट पर हुए उपचुनाव के रिजल्ट के बाद समाजवादी पार्टी से भी सवाल पूछे है. बकौल मायावती, “यूपी के मिल्कीपुर सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की अपनी सीट पर 61,710 वोटों से करारी हार भी जनता की नजर में इस हकीकत को लेकर है कि बीएसपी द्वारा चुनावी गड़बड़ी सम्बंधी आवश्यक सुधार होने तक देश में कोई भू उपचुनाव नहीं लड़ने के फैंसले के कारण इस सीट पर पार्टी का को ई उम्मीदवार नहीं होने के बावजूद सपा की इतनी शर्मनाक हार कैसे हुई? इस पर सपा के जवाब का लोगों को इंतजार है क्योंकि यूपी में पिछली बार हुए उपचुनाव में सपा ने अपनी पार्टी की हार की ठीकरा बीएसपी के ऊपर टालने का राजनीतिक प्रायस किया था.”
अम्बेड़करवादियों के नाम खस संदेश
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद चौतफरा पार्टी पर हमले हो रहे हैं. खासकर, बसपा समर्थक सोशल मीडिया के माध्यम से सवाल उठा रहे हैं. और उनकी निराशा भी साफ झलक रही है.
इन सभी बातों को भांपते हुए बसपा अध्यक्षा ने कहा है, “जहाँ तक बीएसपी का सवाल है तो खासकर अम्बेड़करवादी लोगों को निराश होने की जरूरत नही है क्योंकि जग जाहिर तौर पर उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के सामाजिक व राजनीतिक संघर्ष को जातिवादी पार्टियाँ इतनी आसानी से कभी भी सफल नहीं होने देंगी, किंतु परमपूज्य बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर बीएसपी के बैनर तले आगे बढ़ने का प्रयास पूरे तन, मन, धन से लगातार जारी रखना है तभी निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश की तरह इस मूवमेंट को सफलता जरुर मिलेगी और बहुत कुछ बदलेगा.”