20.1 C
New Delhi
Thursday, October 23, 2025

Opinion: नीतिश कुमार दलित विरोधी हैं?

सवाल यह नहीं की बिहार में SC रिजर्वेशन 17% से बढ़ाकर 20 % कर दिया गया है. सवाल है अबादी के हिसाब से एस सी रिजर्वेशन फिक्सड है तो इसे घटाया ही क्यों गया था?

2000 से बिहार में एस सी वर्ग को अबादी से 3% कम रिजर्वेशन मिल रहा है. ऐसा करने वाला बंगाल के बाद यह दूसरा प्रदेश बना रहा.

सवाल यह है कि इस 23 साल में दलितों का हक कौन मार कर खाता रहा? भूमिहार ,राजपूत , ब्राह्मण कायस्थ या अहिर और कुर्मी. यह सवाल कौन पूछेगा?

बिहार में रणवीर सेना लालू के छत्र साया में फला फूला और अपने नृशंसता के चोटी तक पहुंचा.

नीतिश कुमार ने अमीर दास आयोग खत्म कर दिया, सवर्ण आयोग बनाया, बाद में इसी सवर्ण आयोग के तर्ज पर EWS आया. पूरे देश को रास्ता तो नीतिश कुमार ने दिखाया है.

EWS की उपरी आय लिमिट छह लाख रूपये है, यह सवर्णों का आरक्षण है. बिहार में सवर्णों की अबादी का 25% लोग गरीब से भी नीचे हैं. क्या सवर्णों के 6 लाख यानी 50 हजार महीना कमाने वाले, 6 हजार से कम महीना कमाने वाले लोग को नौकरी में आगे आने देंगें? नहीं, तो सवर्णों की गरीबी कैसे दूर होगी?

क्या नीतिश की इतनी हिम्मत है कि EWS में गरीब और महागरीब जैसे दो कैटेगरी बना दें जैसे उन्होंने दलित और महादलित बना रखा हैं.

सवाल है दलित और महादलित बनाने का पैमाना क्या था?

दलितों में सबसे ज्यादा नौकरी पासी ओर धोबी के पास है, सबसे कम डोम और मुसहर के पास.

नीतिश कुमार का दलित और महादलित प्रोग्राम 2015 से बिहार में चल रहा है. मुसहर जाति के 47% लोग आज भी गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं. यह हम नहीं नीतिश कुमार कह रहे हैं.

जीतन राम मुसहर जाति से आते हैं, वे सवाल करते हैं कि आरक्षण की हर दस साल पर समीक्षा होना चाहिए. यह उनके अपने वर्ग के प्रति चिंता और प्रतिबद्धता का सवाल है. यह सवाल जायज भी हैं. जब जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने ही दलित और महादलित का भेद खत्म किया था.

जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री थे. हमने कभी नहीं सुना कि उन्होंने कभी भी नीतिश कुमार को निरादर सूचक शब्द प्रयोग किया हो.

सवाल यह है कि नीतिश कुमार के अंदर एक सामंत है, वह सवाल करने पर फु्फकारता है. वह उम्र में बड़े का लिहाज भी नहीं करता. उनके अंदर जाति का घमंड है.

वह सामंत तुरंत तोर-मोर, अरे- तरे करता है. उन्होनें न केवल जीतन राम मांझी को ऐसा कहा, बल्कि राबड़ी देवी को कह चुके हैं, तेजस्वी यादव को कह चुके हैं – जाकर अपने बाप से पूछो…

सदन में अश्लील तरीके से जनसंख्या नियंत्रण समझाते हैं.

यह सब सामंती प्रवृति है, का चिन्ह हैं.

सवाल है दलितों को इस पर क्यों नहीं सोचना चाहिए कि इस सामंती प्रवृति का समर्थन क्यों करना चाहिए, जबकि अपने मूल में यह दलित विरोधी है.

जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री नहीं बने रहते तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि नीतिश कुमार उन्हें क्या बोलते हैं, लेकिन अपने लाभ के लिए टोकन मुख्यमंत्री बना कर उसे अरे-तरे करना तो घोर बेइज्जती है.

दलित इसे क्यों बर्दाश्त करे?

(लेखक: चांद मनीष; यह लेखक के अपने विचार हैं)

Download Suchak App

खबरें अभी और भी हैं...

डीग में बसपा का संगठन समीक्षा एवं प्रशिक्षण शिविर, राजस्थान में मजबूती का संकल्प

डीग (भरतपुर), 30 सितंबर 2025 — बहुजन समाज पार्टी द्वारा आज विधानसभा स्तरीय संगठन समीक्षा एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन नगर (डीग) में किया...

Opinion: समाजिक परिवर्तन के साहेब – मान्यवर कांशीराम

भारतीय समाज सहस्राब्दी से वर्ण व्यवस्था में बंटा है. लिखित इतिहास का कोई पन्ना उठा लें, आपको वर्ण मिल जायेगा. ‌चाहे वह वेद-पुराण हो...

बिहार चुनाव 2025: BSP की तैयारी पूरी समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण फैंसलें

बिहार चुनाव: आगामी कुछ महीनों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने चुनावी रणनीति को अंतिम रूप...

एससी, एसटी और ओबीसी का उपवर्गीकरण- दस मिथकों का खुलासा

मिथक 1: उपवर्गीकरण केवल तभी लागू हो सकता है जब क्रीमी लेयर लागू हो उपवर्गीकरण और क्रीमी लेयर दो अलग अवधारणाएँ हैं. एक समूह स्तर...

कर्नाटक में दलित आरक्षण का 6:6:5 फॉर्मूला तय; जानिए किसे कितना मिला आरक्षण?

बेंगलुरु: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार रात लंबी कैबिनेट बैठक में अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 17% आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटने...

130वें संविधान संशोधन बिल पर मायावती का तीखा हमला, कहा- “लोकतंत्र होगा कमज़ोर”

नई दिल्ली। संसद में कल भारी हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने 130वाँ संविधान संशोधन बिल पेश किया. इस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा)...

स्वतंत्र बहुजन राजनीति बनाम परतंत्र बहुजन राजनीति: प्रो विवेक कुमार

"स्वतंत्र बहुजन राजनीति" और "परतंत्र बहुजन राजनीति" पर प्रो विवेक कुमार का यह लेख भारत में दलित नेतृत्व की अनकही कहानी को उजागर करता...

मायावती ने अमेरिकी टैरिफ को बताया ‘विश्वासघाती’, संसद में चर्चा की मांग

Mayawati on Trump: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए भारी-भरकम 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर तीखी प्रतिक्रिया...

अमेरिका की आर्थिक सख्ती पर मायावती की दो टूक – “देशहित से कोई समझौता नहीं होना चाहिए”

Mayawati Big Statement on Trump Action: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री UP मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत पर आयात...

संसद में उठा “सेक्युलरिज़्म” हटाने का मुद्दा, मायावती बोलीं – संविधान से छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं!

नई दिल्ली: संसद में कानून मंत्री के बयान से देश की राजनीति में हलचल मच गई है. चर्चा गर्म है कि क्या सरकार संविधान...

संसद का मानसून सत्र 2025 शुरू: मायावती की सरकार-विपक्ष से एकजुटता की अपील

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बहनजी ने आज से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र 2025 को...

विश्वनाथ पाल ने दिया सपा को झटका, सैकड़ों मुस्लिम नेता बसपा में शामिल

यूपी: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और श्रावस्ती जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके मुखिया अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है. आज दिनांक...