बसपा सुप्रीमो मायावती जी ने संविधान बदलने की वकालत करने वाले आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय को आड़ हाथों लिया है और उनके वक्तव्य को उनके अधिकार क्षेत्र का खुला उल्लंघन करार दिया है.
मायावती जी ने आज दोपहर करीब 12 बज सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स (ट्वीटर) पर बयान जारी करते हुए कहा, “आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय द्वारा अपने लेख में देश में नए संविधान की वकालत करना उनके अधिकार क्षेत्र का खुला उल्लंघन है जिसका केंद्र सरकार को तुरंत संज्ञान लेकर जरूर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आगे कोई ऐसी अनर्गल बात करने का सुस्साहस न कर सके.”
संविधान को बताया समतामूलक और मानवतावाद की गारंटी
बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जी ने वर्तमान संविधान को देश की 140 करोड़ जनता के लिए समतामूलक और मानवतावाद की गारंटी बताया है.
बकौल मायावती, “देश का संविधान इसकी 140 करोड़ गरीब, पिछड़ी व उपेक्षित जनता के लिए मानवतावादी एवं समतामूलक होने की गारंटी है, जो स्वार्थी, संकीर्ण, जातिवादी तत्वों को पसंद नहीं और वे इसको जनविरोधी व धन्नासेठ-समर्थक के रूप में बदलने की बात करते हैं, जिसका विरोध करना सबकी जिम्मेदारी.”
गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने द क्विंट में एक लेख लिखकर संविधान बदलने की बात कही थी. जिसका चारो तरफ विरोध हो रहा है.