दिल्ली: आज बहुजन समाज पार्टी के दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय पर राजस्थान बसपा पदाधिकारियों की अहम बैठक संपन्न हुई. इस बैठक को खुद बसपा सुप्रीमो मायावती जी ने लिया और संगठन विस्तार, आने वाले विधानसभा चुनाव तथा कार्यकर्ताओं के बीच आपसी मतभेद जैसे मामलों को सुलझाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
इस अहम बैठक में राजस्थान से बसपा प्रदेश अध्यक्ष माननीय भगवान सिंह बाबा, प्रदेश प्रभारी सुरेश आर्य के अलावा विभिन्न जिलों के अध्यक्ष तथा कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए. जानकारी के मुताबिक अलवर से जिला अध्यक्ष माननीय इंद्र कुमार बौद्ध, एडवोकेट रामजीवन बौद्ध जी, अशोक वर्मा जी, सीताराम मेघवाल जी, पंचायत समिति सदस्य हितेश रसगोन जी आदि लोग शामिल थे.
यह बैठक पहले से ही प्रस्तावित नही थी. लेकिन, राजस्थान में हाल ही में 12 पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित किया गया था. जिसके बाद सोशल मीडिया पर बसपा राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा के खिलाप मोर्चा खोला गया. जिससे संभालने के लिए उच्च पदाधिकारियों ने इस बैठक को रखवाया.
इस बैठक में माननीय बहनजी से पार्टी को लेकर कुछ जरूरी बातों को पदाधिकारियों के साथ साझा किया. जिसका अंश आपके लिए प्रस्तुत है.
- राजस्थान प्रदेश पार्टी के स्टेट व जिलों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बड़ी व लंबी अहम बैठक में राजनीतिक गतिविधियों, वहाँ के साम्प्रदायिक हालात, विधानसभा आमचुनाव की तैयारियों, पार्टी संगठन के कार्यकलपों, जनाधार को बढ़ाने के संबंध में सक्रियता आदि के बारे में विस्तार से चर्चा व गहन समीक्षा की तथा आगे के कार्यों को गति प्रदान करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए.
- साथ ही, विश्वासघाति व बिकाऊ लोगों को पूरी तरह से दूर रखते हुए ज्यादातर मिशनरी आधार पर ही पार्टी व संगठन को तैयार करने की सख्त हिदायत.
- राजस्थान में भी कांग्रेस पार्टी, भाजपा से मुस्तैदी से लड़ने के बजाय, खासकर बीएसपी को ही तरह-तरह से आघात पहुँचाने व पार्टी विधायकों को तोड़ने आदि के स्वार्थ में ही लगी रहती है, जिसके प्रति आगे समुचित सावधानी जरूरी.
इन अहम मुद्दों के अलावा बहनजी ने उदयपुर की घटना का जिक्र भी अपने संबोधन में किया और कांग्रेस सरकार को पूर्णत: फेल बताया. और भाजपा को इस मामले में संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ में व्यस्त बताया.
इस बैठक के बाद राजस्थान के पदाधिकारियों पर क्या असर होता है, सांगठनिक रूप से नए चेहरों को मौक मिलेगा या नही और जिन पदाधिकारियों को निकाला गया है. उनके भविष्य को लेकर अब इंतजार रहेगा.