BSP News: पिछले कुछ दिनों से सपा और बसपा के बीच चल रहे वाक युद्ध में आज फिर बसपा सुप्रीमो मायावती बहनजी ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला है. उन्होने कल की बात को आगे बढ़ाते हुए धराधड़ X पर पांच पोस्ट करके सपा के दलित विरोधी चेहरे को उजागर किया है.
बहनजी ने अपनी पहली पोस्ट में कहा, “सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है, हालाँकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबंधन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया. लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुन: अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई…
…और अब सपा मुखिया जिससे गठबंधन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है. वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैंसले लिये गये हैं…
…जिनमें बीएसपी यूपी स्टेट ऑफिस के पास ऊँचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहाँ से षडयंत्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हाँइ पहुँचा सकते हैं जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहाँ से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा.”
बहनजी ने जताई बड़ी अनहोनी की आशंका
गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती बहनजी ने समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुए दलित विरोधी कार्यों का जिक्र करके गठबंधन की राह भी आसान कर दी है. सपा को बता दिया है कि इस गठबंधन में बसपा भी एक खिलाड़ी है जिसे सपा के लोग स्वीकार ही नही करना चाहते हैं.
साथ ही बहनजी ने अपनी सुरक्षा को लेकर बड़ा जिक्र किया है उन्होन खुद को और कर्मचारियों पर हमले की आशंका जताई है.
इस बात को उन्होने आगे बढ़ाते हुए वर्तमान सरकार से कड़ी सुरक्षा की मांग करते हुए अपनी बैठकों के लिए सुरक्षित स्थान मांगा है.
बहनजी ने कहा, “इस असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुँचने पर वहाँ पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है…
…ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहाँ कभी भी कोई हनहोनी हो सकती है. साथ ही, दलित-विरोधी तत्वों से भी सरकार सख्ती से निपटे, पार्टी की यह भी माँग है.”
आकाश आनंद ने दिया करारा जवाब
बहुजन समाज पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद भी इस बहस में कूद पड़े है और सपा को ऐतिहासिक जवाब देकर मुँह बंद कराने का काम किया है.
उन्होने पार्टी सुप्रीमो मायावती बहनजी की पोस्ट को पुन: प्रकाशित करते हुए कहा,
चढ़ गुंडों की छाति पर बटन दबेगा हाथी पर.”
माना जा रहा है कि इस वाक युद्ध के बाद बसपा और कांग्रेस का गठबंधन का तार और मजबूत हो रहा है. यूपी में ये दोनों पार्टीयाँ आपसी गठबंधन के तहत लोकसभा चुनाव 2024 (General Election 2024) लड़ सकती है जिसे राष्ट्रव्यापी गठबंधन में बदलने के लिए बहनजी जुटी हुई है.