नई दिल्ली। संसद में कल भारी हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने 130वाँ संविधान संशोधन बिल पेश किया. इस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे लोकतंत्र के लिए ख़तरा बताया.
मायावती बहनजी ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक हालात में यह बिल सत्ता पक्ष को और मज़बूत करेगा, जबकि लोकतांत्रिक ढांचे को कमज़ोर करने का खतरा है.
मायावती की बड़ी बातें:
- “लोकतंत्र को कमज़ोर करने वाला लगता है यह बिल”
- “सत्ताधारी पार्टियाँ अपने-अपने स्वार्थ और लाभ में इसका दुरुपयोग करेंगी”
- “हमारी पार्टी किसी भी स्तर पर इस बिल से सहमत नहीं है”
- “सरकार लोकतंत्र व संविधान की मर्यादा के हित में इस पर पुनर्विचार करे”
बसपा सुप्रीमो ने जनता की आशंकाओं को दोहराते हुए कहा कि यदि सरकार ने इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो लोकतंत्र को गहरी चोट पहुँच सकती है. मायावती ने आशंका जताई कि सत्ता में काबिज़ राजनीतिक दल अपने-अपने स्वार्थ, लाभ और द्वेष के चलते इस संशोधन का दुरुपयोग करेंगे, जिससे आम जनता को नुकसान उठाना पड़ सकता है. उन्होंने साफ कहा कि उनकी पार्टी (बहुजन समाज पार्टी) इस बिल से सहमत नहीं है.
बसपा सुप्रीमो ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए इस संशोधन पर पुनर्विचार करे. उन्होंने जोर देकर कहा कि देशहित में इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है.