Kanshiram Jayanti: बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर साहेब के नाम से मशहूर ‘बहुजन नायक’ की आज जयंति है और पुरे देश में इस दिन को ‘बहुजन समाज दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है.
इस खास मौके पर बहुजन समाज पार्टी ने अपने जन्मदाता के जन्मोत्सव को पूरे देश में मनाने का फैंसला लिया और उत्तर से दक्षिण तक कांशीराम-कांशीराम ही नजर आने लगे.
वहीं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व यानि बहनजी की त रफ से अपने गुरु और पार्टी संस्थापक को पुष्पाजंलि दी गई और देशवासियों के नाम एक खास संदेश भी दिया गया.
कारवां के सिपाईयों का जताया आभार
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा मायावती बहनजी ने आज कांशीराम जयंति के मौके पर इस “सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति” आंदोलन को यहाँ तक पहुँचाने में अपना तन-मन-धन न्यौछावर करने वाले बहुजन समाज के सिपाईयों का आभार जताया है.
मायावती ने कहा, “बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी को आज उनके जन्मदिन पर बीएसपी द्वारा देशभर में शत-शत नमन, माल्यार्पण, श्रद्धा-सुमन अर्पित व उनके ‘सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्त’ मूवमेंट को तन, मन, धन से मजबूत बनाने के संकल्प हेतु सभी का तहेदिल से आभार.”
सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करना जरूरी
दलित समाज पर आए दिन जुल्म-ज्यादती की खबरों से मीडिया अटा रहता है. अगर, इस जातीय जुल्म से छुटकारा पाना है तो सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करनी होगी. यह खास संदेश भी बहनजी ने अपने संस्थापक की जयंति पर देने का काम किया है.
बहुजन समाज पार्टी जिस आंदोलन को लेकर चल रही है. वह सत्ता की कुर्सी तक पहुँचकर जल्दी प्राप्त किया जा सकता है. इसलिए, बहनजी ने बहुजन समाज से वोट डालने की बात कही है और बसपा को सत्ता पर पहुँचाकर सत्ता का सुख लेने को कहा.
बहनजी ने कहा, “बहुजन समाज को अपार गरीबी, बेरोजगारी, शोषण, अत्याचार, पिछड़ेपन, जातिवाद, साम्प्रदायिक हिंसा व तनाव आदि के त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए अपने कीमती वोट की ताकत को समझकर अपना उद्धार स्वयं करने योग्य बनने हेतु सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करना जरूरी, यही आज के दिन का उच्च संदेश.”
उन्होने इसमें आगे जोड़ा, “यूपी की विशाल आबादी को अनुभव है कि बीएसपी का आयरन लेडी नेतृत्व कथनी में कम व करनी में ज्यादा विश्वास रखता है और अपने शासनकाल में बहुजनों के सर्वांगीण विकास करके उनके काफी अच्छे दिन लाकर दिखाए भी हैं, जबकि दूसरी पार्टियों की सरकारों की अधिकतर बातें व दावे हवाहवाई व छलावा.”