नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बहनजी ने आज से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र 2025 को लेकर सरकार और विपक्ष से जनहित और देशहित के मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा तथा एकजुटता की मांग की है. उन्होंने महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, महिला असुरक्षा, क्षेत्रीय-भाषाई विवादों और आंतरिक-सीमा सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर ठोस नीतियां बनाने के लिए संसद के सुचारू संचालन को आवश्यक बताया.
जनहित और देशहित में सार्थक बहस की जरूरत
मायावती ने अपने बयान में कहा कि पिछले सत्रों में अक्सर देखे गए टकराव, हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप से देशवासियों को निराशा हाथ लगी है. उन्होंने सरकार और विपक्ष से आग्रह किया कि वे पार्टी हितों से ऊपर उठकर देश के करोड़ों गरीब और मेहनतकश बहुजनों के हित में काम करें. साथ ही उन्होने आगे जोड़ा, वैश्विक स्तर पर बदलते राजनीतिक और आर्थिक हालात में लोकतंत्र और संप्रभुता पर बढ़ते खतरों का मुकाबला करने के लिए सरकार को विपक्ष के साथ मिलकर जनता का विश्वास जीतना होगा.
संसद का आज से शुरू हो रहा बहुप्रतीक्षित सत्र, पिछले सत्रों की तरह देशहित व जनहित के अहम् और अति-ज़रूरी मुद्दों पर उचित एवं समुचित बहस तथा किसी बेहतर परिणाम के बिना ही, सरकार और विपक्ष के बीच टकराव, आरोप-प्रत्यारोप, हंगामा तथा देश के करोड़ों ग़रीब व अन्य मेहनतकश बहुजनों के थोड़े…
— Mayawati (@Mayawati) July 21, 2025
पहलगाम नरसंहार और सुरक्षा पर सकारात्मक रुख जरूरी
मायावती बहनजी ने सरकार का ध्यान ऑपरेशन सिंदूर जैसे गंभीर और सुरक्षा से जुड़े हुए मुद्दे पर भी आकर्षित किया है. उन्होने विशेष रूप से, पहलगाम नरसंहार और ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक दृष्टिकोण और विपक्ष से सहयोगात्मक रवैये की अपेक्षा की. उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता और सीमाओं की सुरक्षा सरकार का प्राथमिक दायित्व है, जिसमें विपक्ष को भी पार्टी हितों से ऊपर उठकर सहयोग करना चाहिए. मायावती ने अंत में कहा, “देशवासियों की अपेक्षा है कि यह सत्र निराशा के बजाय सकारात्मक परिणामों के साथ समाप्त हो, ताकि भारत विकास और समृद्धि के रास्ते पर मजबूती से आगे बढ़ सके.” उन्होंने सभी पक्षों से सर्वसमाज और बहुजनों के हित में एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया.