देश के गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में अपने अभिभाषण में राष्ट्र निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर पर एक बयान दिया. जिसके बाद संसद से लेकर सोशल मीडिया तक उनके इस्तीफे की मांग उठने लगी.
अमित शाह ने अपने बयान में कहा, “अब ये एक फ़ैशन हो गया है. अम्बेड़कर, अम्बेड़कर, अम्बेड़कर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता. हमें तो आनंद है कि अम्बेड़कर का नाम लेते हैं. अम्बेड़कर का नाम अभी 10 बार ज्यादा लो. पर साथ में अम्बेड़कर जी के प्रति आपका क्या भाव है, ये मैं बताता हूँ…”
उनका यह बयान काफी वायरल हो रहा है और इसका शुरुआती हिस्सा कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी खूब चलाया गया. पूरे देशभर से इस बयान की निन्न्दा के पोस्ट्स आ रहे हैं.
इस बीच बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और नगीना सांसद चंद्रशेखर ने गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान को तगड़ी खिंचाई करी है.
बाबसाहेब ही है दलितों के एकमात्र भगवान: मायावती
बसपा नेता और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि बाबासाहेब की दलितों और शोषितों के एकमात्र भगवान है.
बकौल मायावती, “कांग्रेस व बीजेपी एंड कम्पनी के लोगों को बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर की आड़ में अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने के बजाय, इनका पूरा आदर-सम्मान करना चाहिये. इन पार्टियों के लिए इनके जो भी भगवान हैं उनसे पार्टी को कोई ऐतराज नहीं है.”
उन्होने आगे जोड़ा, “लेकिन दलितों व अन्य उपेक्षितों के लिए एकमात्र इनके भगवान केवल बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर हैं, जिनकी वजह से ही इन वर्गों को जिस दिन संविधान में कानूनीअ धिकार मिले हैं, तो उसी दिन इन वर्गों को सात्जन्मों तक का स्वर्ग म्जिल गया था.
अत: कांग्रेस, बीजेपी आदि पार्टियों का दलित व उअन्य उपेक्षितों के प्रति प्रेम विशुद्ध छलावा इनसे इन वर्गों का सही हित व क्ल्याण असंभव. इनके कार्य दिखावटी ज्यादा, ठोस जनहितैषी कम. बहुजन समाज व इनके महान संतों, गुरुओं, महापुरुषों को समुचित आदर-सम्मान बीएसपी सरकार में ही मिल पाया.”
ऐतिहासिक योगदान और सामाजिक न्याय के संघर्ष का अपमान है: चंद्रशेखर
नगीना से सांसद चंद्रशेखर उर्फ रावण ने गृह मंत्री के बयान को बाबासाहेब के योगदान और सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष का अपमान बताया है.
उन्होने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह का बयान परम पूज्य बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेड़कर जी के ऐतिहासिक योगदान और सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष का अपमान है.”
चंद्रशेखर ने आगे कहा, “परम पूज्य बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेड़कर जी नाम लेना कोई ‘फ़ैशन’ नहीं, बल्कि समानता, स्वतंत्रता और सामाजिक परिवर्तन की उस क्रंति का प्रतीक है, जिसने करोद्ओं दबे-कुचले लोगों को न्याय और अधिकार दिलाए. अम्बेड़कर को भगवान के नाम से तुलना करना उनकी विचारधार की गहराई और संविधान निर्माण में उनके योगदान को कमतर आंकने का प्रयास है. यह न केवल असंवेदनशीलता, बल्कि सामाजिक एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अनादर का परिचायक है. ये अक्षम्य है, भारत रत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर जी को मानने वाले इस अपमान का बदला जरूर लंगे मेरी बात याद रखना.”