समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी सुमन के विवादित बयान पर राजनीति चर्चा तूल पकड़ती जा रही है. इस मामले में अब बसपा की एंट्री भी हो चुकी है और उन्होने सारा खेल ही पलट दिया है.
इस बयानबाजी को उन्होने घिनौनी राजनीति करार देते हुए, दूसरे दलों में काम कर रहे दलित समाज के नेताओं पर भी व्यंग कसा है.
सपा के हथकण्डों से सावधान रहे दलित
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा मायावती बहनजी इस बयानबाजी पर संज्ञान लेते हुए कल देर शाम दो पोस्ट लिखकर अपना स्टैंड रखा है.
मायावती ने कहा, “सपा अपने राजनैतिक लाभ के लिए अपने दलित नेताओं को आगे करके घिनौनी राजनीति कर रही है अर्थात उनको नुकसान पहुँचाने में लगी है, यह उचित नहीं. दलितों को इनके सभी हथकण्ड़ों से सावधान रहना चाहिये. आगरा की हुई घटना अति चिंताजनक.”
इस बात को आगे बढ़ाते हुए मायावती कहती है, “साथ ही, सपा को अपने स्वार्थ में किसी भी समुदाय का अपमान करना ठीक नहीं, जिसके तहत अब इनको किसी समुदाय में दुर्गंध व किसी में सुंगध आ रही है. इससे समाज में अमन-चैन व सौहार्द बिगड़ेगा, जो ठीक नहीं.”
गेस्ट हाऊस कांड दिलाया याद
बसपा सुप्रीमो यहीं नही रुकी उन्होने सपा को घेरते हुए. अपने ऊपर हुए गेस्ट हाऊस कांड की भी याद दिलाई. इस बात को उन्होने जहाँ कल देर शाम शुरु किया था. वहीं आज सवेरे-सवेरे फिर इसे आगे बढ़ाते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया को इनकी सरकार में हुए गेस्ट हाऊस कांड की याद दिलाई.
मायावती ने कहा, “आगरा की हुई घटना के साथ-साथ सपा मुखिया को इनकी सरकार में दिनांक 2 जून 1995 को लखनऊ स्टेट गेस्ट हाऊस कांड में इस पार्टी द्वारा मेरे ऊपर कराया गया जानलेवा हमला भी इनको जरूर याद कर लेना चाहिये तथा इसका पश्चाताप भी जरूर करना चाहिए. अत: आगरा घटना की आड़ में अब सपा अपनी राजनीति रोटी सेंकना बंद करे तथा आगरा की हुई घटना की तरह यहाँ दलितों का उत्पीड़न और ज्यादा ना कराये.”