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Saturday, July 19, 2025

घमासान तेज़: चंद्रशेखर ने भेजा 2.5 करोड़ का नोटिस, रोहिणी घावरी पर पलटवार

भीम आर्मी प्रमुख और आज़ाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आज़ाद ने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में रोहिणी घावरी को कथिततौर पर 2.5 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेज दिया है. इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है और समर्थकों के बीच इसे चंद्रशेखर का ‘करारा जवाब’ बताया जा रहा है.

क्या है पूरा मामला?

हाल ही में रोहिणी घावरी ने एक बयान में चंद्रशेखर आज़ाद के खिलाफ कुछ आरोप लगाए थे, जिसे आज़ाद समर्थकों ने ‘झूठा, भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण’ बताया. चंद्रशेखर की लीगल टीम ने नोटिस में कहा है कि यह बयान उनकी छवि को नुकसान पहुँचाने और सामाजिक-सियासी प्रतिष्ठा को गिराने का प्रयास है.

नोटिस में क्या कहा गया?

नोटिस में मांग की गई है कि रोहिणी घावरी अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
चंद्रशेखर की ओर से वकीलों ने कहा,

“हमने उन्हें 15 दिन का समय दिया है, अन्यथा हम अदालत का दरवाज़ा खटखटाने के लिए बाध्य होंगे.”

रोहिणी घावरी ने क्या कहा?

रोहिणी घावरी ने 16 जुलाई को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक बयान जारी कर इस मानहानी नोटिस का जवाब दिया. तभी सार्वजनिक रूप से पता चला कि चंद्रशेखर ने जवाबी कार्रवाई की है. हालांकि, राहोणी घावरी ने चंद्रशेखर का नाम नही लिखा है. रोहिणी घावरी ने अपनी पोस्ट में लिखा,

“2.5 करोड़ का मानहानि का नोटिस तो भेज दिया तूने !! अब 5 करोड़ किसी गुंडे को देके स्विट्जरलैंड में मेरी हत्या भी करा दे अकेली रहती हूँ यहाँ अच्छा होगा तेरे लिए !! क्योंकि अब लड़ने से मुझे इस दुनिया की कोई ताक़त नहीं रोक सकती लगा दम जितना है !! ईश्वर क़ानून जनता सबकी अदालत में तू हारेगा !!”

सियासी मायने क्या हैं?

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटनाक्रम केवल एक व्यक्तिगत मानहानि का मामला नहीं, बल्कि दलित राजनीति के उभरते चेहरे और उनके खिलाफ हो रही साजिशों का संकेत भी है. चंद्रशेखर के इस क़दम को समर्थकों ने “सम्मान की रक्षा” बताया है.

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

चंद्रशेखर समर्थकों में इस पलटवार को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है. ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हैशटैग #JusticeForChandrashekhar और #RohiniDefamation ट्रेंड करने लगे हैं.

चंद्रशेखर आज़ाद का यह क़दम सिर्फ़ एक क़ानूनी कार्यवाही नहीं बल्कि उनके विरोधियों को यह स्पष्ट संदेश है कि वे अब चुप नहीं बैठेंगे. आने वाले दिनों में यह मामला कितना गहराता है, इस पर सबकी नज़रें टिकी रहेंगी.

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