BSP Meeting: बहुजन समाज पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन कल लखनऊ में सम्पन्न हुआ. जिसमें बहनजी ने ढाई घंटे लम्बी चली बैठक में कई बड़े फैंसले लिए और पदाधिकारियों को डाट-डपटकर आगे की रणनीति बताई.
इस बैठक में सबसे बड़ा और सबसे चर्चित फैंसला आकाश आनंद जी की वापसी है. जिन्हे दुबारा से दोनों जिम्मेदारियाँ बहाल कर दी गई है. और अब उन्हे इन जिम्मेदारियों को ज्यादा अधिकार के साथ सौंपा गया है.
मतलब, अब आकाश आनंद पूरे देश यानि यूपी तथा उतराखंड के भी प्रभारी होंगे और संगठन समीक्षा का भी अधिकार होगा. पहले और अब जो जिम्मेदारियाँ दी गई है. उनमें यही सबसे बड़ बदलाव है. पहले उन्हे इस तरह का फ्री हैंड नही दिया गया था.
कांग्रेस पर बोला हमला
बहुजन समाज पार्टी अखिल भारतीय पदाधिकारियों की बैठक में चुनाव परिणाम पर चर्चा करते हुए बहनजी ने कहा, “इस बार विरोधी पार्टियों द्वारा चुनाव में विशेषकर संविधान बचाओ जैसे अनेकों और उठाये गये मुद्दों को लेकर किये गये गलत प्रचार से गुमराह होकर, जो अपनी पार्टी का जबरदस्त नुकसान हुआ है. उसपर खास ध्यान आकर्षित कराते हुए, आगे चुनाव में पार्टी को फिर ऐसा कांग्रेस पार्टी ने भारतीय संविधान सभा में बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर को आने से रोकने के लिए, किस्म-किस्म के हठकंडे अपनाये थे, वह पार्टी अब , इनके द्वारा निर्मित किये गये संविधान को कैसे बचाने की बात कर सकती है? यह भी अति-गंभीरता से सोचने की बात है. तथा ना ही इस पार्टी ने, बाबासाहेब को भारतरत्न की उपाधि देकर सम्मानित किया था.”
उन्होने आगे जोड़ा, इतना ही नही बल्कि, भारतीय संविधान लागू होने पर जब, कांग्रेस की केंद्रीय सरकार ने, संविधान के मुताबिक देश को एससी, एसटी व ओबीसी वर्गों के लोगों को खासकर आरक्षण सम्बंधी कानूनी अधिकारों का पूरा लाभ नहीं दिया. तथा जनहित के अन्य और जरूरी मुद्दों पर भी जब बाबासाहेब की बात नहीं मानी गई थी, तो तब फिर इन्होने दुखी होकर ऐसी सरकार में कानून मंत्री पद पर बने रहना सही नहीं समझा तथा फिर इन्होने इस पद से इस्तीफा भी दे दिया था.”
आकाश आनंद की वापसी और बहनजी की उम्मीद
इस बैठक में सभी पदाधिकारियों के सामने बहनजी आकाश आनंद की पुन: वापसी करवाई और उनसे पार्टी और मूवमेंट को आगे बढ़ाने की उम्मीद भी करी. इस मौके पर बहनजी ने कहा, “आकाश आनंद को भी पूरी परिपक्वता (मैच्यूरिटी) के साथ पार्टी में कार्य करने के लिए इनको फिर से मौका दिया है. यह पूर्व की तरह ही पार्टी में अपने सभी पदों पर बने रहेंगे. अर्थात यह पार्टी के National Co-ordinator के साथ-साथ मेरे एकमात्र उतराधिकारी भी बने रहेंगे. इनके बारे में वैसे मुझे यह पूरी उम्मीद है कि अब वह अपनी पार्टी व मूवमेंट के हित में हर स्तर पर पूरेतौर से एक परिपक्व (मैच्यूर) नेता के रूप में जरूर उभरेंगे. पार्टी के लोग भी अब इनको पहले से भी ज्यादा अपना आदर-सम्मान आदि देकर इनका हौंसला भी जरूर बढ़ायेंगे. ताकि अब वह आगे मेरी सभी उम्मीदों पर पूरेतौर से खड़ा उतर सके.”