37.7 C
New Delhi
Monday, June 9, 2025

बहुजन मीडिया (Bahujan Media) गद्दार है: प्रोफेसर दिलीप मंड़ल

जो अभी बीएसपी के साथ नहीं, वह कैसा बहुजन? जो संकटकाल में साथ नहीं, उसे हम लोग गद्दार कहते हैं. अच्छे समय में तो सभी साथ रहते हैं...

जाने-माने पत्रकार और अपनी सोशल मीडिया प्रेजेंस से मशहूर प्रोफेसर दिलीप मंड़ल जी बहुजन मीडिया पर बड़ा आरोप लगाते हुए उसे गद्दार करार दिया है. पिछले कई दिनों से विभिन्न तथाकथित बहुजन मीडिया के पत्रकार The Newsbeak के फाउंडर सुमित चौहान जी और प्रोफेसर दिलीप मंड़ल जी के बीच चल रही बेहस पर उन्होने ऐसा कहा है.

प्रोफेसर दिलीप मंड़ल जी किसी भी पत्रकार का नाम लिए बगैर सभी बहुजन पत्रकारों और खुद को अम्बेड़करवादी पत्रकार घोषित कर चुके पत्रकारों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा;

“नाम बताइए: किन बहुजन यूट्यूबर ने बीएसपी और बीजेपी-कांग्रेस के बीच बीएसपी और बहनजी को बेहतर बताया है? जिन्होने ये किया है, मैं सिर्फ उनको बहुजन यूट्यूबर मानता हूँ. बाकियों को कुछ और मानता हूँ. क्या मानता हूँ ये बोलूँगा नहीं, वरना विवाद हो जाएगा. बीएसपी इस समय जूझ रही है. जो अभी बीएसपी के साथ नहीं, वह कैसा बहुजन? जो संकटकाल में साथ नहीं, उसे हम लोग गद्दार कहते हैं. अच्छे समय में तो सभी साथ रहते हैं.”

Prof Dilip Mandal; X.com

क्या बहुजन मीडिया और बहुजन पत्रकार गद्दार है?

इस सवाल पर हमने चर्चा की है आप खुद जानिए असल में दिलीप मंड़ल जी ने जो आरोप लगाएं है उनमें कितनी सच्चाई है.

— Dainik Dastak —

Download Suchak App

खबरें अभी और भी हैं...

सामाजिक परिवर्तन दिवस: न्याय – समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का युगप्रवर्तक प्रभात

भारतीय समाज की विषमतावादी व्यवस्था, जो सदियों से अन्याय और उत्पीड़न की गहन अंधकारमयी खाइयों में जकड़ी रही, उसमें दलित समाज की करुण पुकार...

धर्मांतरण का संनाद: दलित समाज की सुरक्षा और शक्ति

भारतीय समाज की गहन खोज एक मार्मिक सत्य को उद्घाटित करती है, मानो समय की गहराइयों से एक करुण पुकार उभरती हो—दलित समुदाय, जो...

‘Pay Back to Society’ के नाम पर छले जाते लोग: सामाजिक सेवा या सुनियोजित छल?

“Pay Back to Society” — यह नारा सुनने में जितना प्रेरणादायक लगता है, व्यवहार में उतना ही विवादास्पद होता जा रहा है। मूलतः यह...

प्रतिभा और शून्यता: चालबाज़ी का अभाव

प्रतिभा का वास्तविक स्वरूप क्या है? क्या वह किसी आडंबर या छल-कपट में लिपटी होती है? क्या उसे अपने अस्तित्व को सिद्ध करने के...

सतीश चंद्र मिश्रा: बहुजन आंदोलन का एक निष्ठावान सिपाही

बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और कानूनी सलाहकार सतीश चंद्र मिश्रा पर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं। कुछ लोग उनके बीएसपी के प्रति...

राजर्षि शाहूजी महाराज से मायावती तक: सामाजिक परिवर्तन की विरासत और बहुजन चेतना का संघर्ष

आज का दिन हम सबको उस महानायक की याद दिलाता है, जिन्होंने सामाजिक न्याय, समता और बहुजन उन्नति की नींव रखी — राजर्षि छत्रपति...

मान्यवर श्री कांशीराम इको गार्डन: बहनजी का पर्यावरण के लिए अतुलनीय कार्य

बहनजी ने पर्यावरण के लिये Start Today Save Tomorrow तर्ज पर अपनी भूमिका अदा की है, अपने 2007 की पूर्ण बहुमत की सरकार के...

जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी: जातिगत जनगणना पर बहुजन विचारधारा की विजयगाथा

भारत की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण आया है-जिसे बहुजन आंदोलन की सबसे बड़ी वैचारिक जीत के रूप में देखा जा सकता है. कैबिनेट...

कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

बहनजी के दूरदर्शी नेतृत्व, बौद्ध धम्म के प्रति अनुराग और सामाजिक समावेश की अमर गाथा कुशीनगर—शांति और करुणा का वैश्विक केंद्र कुशीनगर, वह पावन धरती जहाँ...

बहनजी की दूरदृष्टि: लखनऊ हाई कोर्ट परिसर का भव्य निर्माण

भारत के इतिहास में कुछ ही व्यक्तित्व ऐसे हुए हैं जिन्होंने अपनी दूरदृष्टि, दृढ़ संकल्प और समाज के प्रति समर्पण से युगों को प्रेरित...

साम्प्रदायिकता का दुष्चक्र और भारतीय राजनीति की विडंबना

भारतीय राजनीति का वर्तमान परिदृश्य एक गहन और दुखद विडंबना को उजागर करता है, जहाँ साम्प्रदायिकता का जहर न केवल सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न...

सपा की नीति और दलित-बहुजन समाज के प्रति उसका रवैया: एक गंभीर विश्लेषण

भारतीय सामाजिक संरचना में जातिवाद और सामाजिक असमानता ऐसी जटिल चुनौतियाँ हैं, जिन्होंने सदियों से समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर दलित-बहुजन समुदाय को हाशिए...