30.1 C
New Delhi
Wednesday, October 22, 2025

एन दिलबाग सिंह का कॉलम: बसपा का अकेले चुनाव लड़ना

बसपा देश की पहली ऐसी पार्टी है जो अकेले चुनाव लड़ने से कभी नही डरी, अकेले चुनाव लड़ने मे सबसे आगे है. वो डरते इसीलिए नही है कि लड़ाई विचारधारा के लिए है, अम्बेड़करवादी विचारधारा के प्रचार-प्रसार ने पार्टी ने गाँधी, वामपंथ, हिन्दुत्व आदि से हटकर अपनी एक अलग पहचान बना ली है.

अनेक दलों ने सौदेबाजी में एक-एक दो-दो सीटें तो अपनी जाति की गिनती बताकर भले ही बड़ी पार्टियों से गठबंधन करके जीत ली हो, लेकिन वो कल भी अपाहिज थे वो आज भी अपाहिज ही हैं. जो गिरने से डरेगा वो पैरों पर कैसे चलेगा?

यूपी विधानसभा 2022 के परिणाम देखकर बहुत से लोग कहते पाये गए हैं कि बसपा के साथ सिर्फ जाटव यानि चमार मतदाता ही बचे हैं. वो ज्यादा बचे हैं क्योंकि उनकी संख्या बाकी दलित जातियों में बहुत अधिक है लेकिन कोरोना काल में बंदिशों के बीच हुए 2022 वाले चुनावों में मीडिया व सोशल मीडिया द्वारा पैदा किये गए डर और अफवाहों में जाटव भी खूबब भागे हैं. यकीन न हो तो आंकड़ों का विश्लेषण करके देखो, समय लगेगा लेकिन बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा.

जिनकी नजरों में मान्यवर के प्रति श्रद्धा है, वो रूके हुए हैं, वो कहीं जाने वाले भी नही है. डॉ अम्बेड़कर सिर्फ चमारों के घरों तक ही नही पहुँचे हैं, वो वाल्मीकी, पासी, पासवान, धोबी, खटीक, धानक, रेगर के साथ-साथ कम या ज्यादा पिछड़ों के घरों तक भी पहुँचे ही हैं, उनके विचारों की समझ आज मुस्लिम व अन्य समाजों में भी धीरे-धीरे पहुँच बना रही है.

पश्चिम यूपी मे दलितों में जाटव सबसे ज्यादा प्रतिशत में पाये जाते हैं, एक बार आकड़ों पर नजर फिरा लो, जाटव बाहुल्य बूथों पर भी बसपा तीसरे नम्बर पर है पश्चिम युपी में.  जाटव फितूर से बाहर निकलो, देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी और महापुरुषों के विचारधाराओं को फैलाने वाली बसपा का जाटवीकरण करके भी आप लोगों ने कहीं-कहीं आपसी बंधन को बहुत कमजोर कर दिया है. जाटवों की दादागिरी का बाकी दलितों में भय दिखाकर आसानी से बसपा से तोड़ा भी गया है.

फितूर से बाहर निकलिये, जहाँ जाटव नही हैं वहाँ भी बसपा का झंडा उठाने वाले मजबूत इरादों वाले लोग आज भी खड़े हैं. बसपा का वोटर जम्मू-कश्मीर से केरल तक है, कर्नाटक से तेलंगाना तक है, गुजरात से पश्चिम बंगाल तक है, महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ तक है, मध्यप्रदेश से तमिलनाडु तक है, राजस्थान से आसाम तक है, युपी तक इसको बांधने की भुल न करो, यूपी तो इसका हैडक्वार्टर है, इसकी प्रेरणास्थली है.

सत्ता पाना बकवास करने जितना आसान काम नही होता, बकवास और बड़बोलेपन से सिवाय नुकसान के कुछ नही होना हैं. यकीन ना हो तो देख लो, बड़बोलेपनों के बाद भी, साल भर खूब मुँछ मरोड़ने पर भी एक पार्टी के उम्मीदवारों को 500-700 वोट भी मुश्किल से नसीब हुए थे. जबकि उनके जय भीम की गूँज से कई बार अंतरिक्ष में मंगलयान भी हड़बड़ा गया था. यूपी के जाटवों को बड़े भाई का दर्जा मिला है, इस सम्मान को सम्भालना सीखो. हवा में उड़ना बंद करके लम्बी लकीर खींचों ताकि नया इतिहास बन पाये, खुद धीरे-धीरे दलाली के कीचड़ में फंसते जाओगे तो फिर इतिहास में पढ़ते रहना कि दलितों ने किसी दौर मे स्वतंत्र राजनीति करके सत्ता के शिखर तक पैंठ बनाई थी लेकिन, फिर बसपा रूपी जहाज को डूबोने के लिए खुद ही रोज जहाज में छेद करने निकल पड़ते थे.

Download Suchak App

खबरें अभी और भी हैं...

डीग में बसपा का संगठन समीक्षा एवं प्रशिक्षण शिविर, राजस्थान में मजबूती का संकल्प

डीग (भरतपुर), 30 सितंबर 2025 — बहुजन समाज पार्टी द्वारा आज विधानसभा स्तरीय संगठन समीक्षा एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन नगर (डीग) में किया...

Opinion: समाजिक परिवर्तन के साहेब – मान्यवर कांशीराम

भारतीय समाज सहस्राब्दी से वर्ण व्यवस्था में बंटा है. लिखित इतिहास का कोई पन्ना उठा लें, आपको वर्ण मिल जायेगा. ‌चाहे वह वेद-पुराण हो...

बिहार चुनाव 2025: BSP की तैयारी पूरी समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण फैंसलें

बिहार चुनाव: आगामी कुछ महीनों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने चुनावी रणनीति को अंतिम रूप...

एससी, एसटी और ओबीसी का उपवर्गीकरण- दस मिथकों का खुलासा

मिथक 1: उपवर्गीकरण केवल तभी लागू हो सकता है जब क्रीमी लेयर लागू हो उपवर्गीकरण और क्रीमी लेयर दो अलग अवधारणाएँ हैं. एक समूह स्तर...

कर्नाटक में दलित आरक्षण का 6:6:5 फॉर्मूला तय; जानिए किसे कितना मिला आरक्षण?

बेंगलुरु: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार रात लंबी कैबिनेट बैठक में अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 17% आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटने...

130वें संविधान संशोधन बिल पर मायावती का तीखा हमला, कहा- “लोकतंत्र होगा कमज़ोर”

नई दिल्ली। संसद में कल भारी हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने 130वाँ संविधान संशोधन बिल पेश किया. इस पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा)...

स्वतंत्र बहुजन राजनीति बनाम परतंत्र बहुजन राजनीति: प्रो विवेक कुमार

"स्वतंत्र बहुजन राजनीति" और "परतंत्र बहुजन राजनीति" पर प्रो विवेक कुमार का यह लेख भारत में दलित नेतृत्व की अनकही कहानी को उजागर करता...

मायावती ने अमेरिकी टैरिफ को बताया ‘विश्वासघाती’, संसद में चर्चा की मांग

Mayawati on Trump: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए भारी-भरकम 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर तीखी प्रतिक्रिया...

अमेरिका की आर्थिक सख्ती पर मायावती की दो टूक – “देशहित से कोई समझौता नहीं होना चाहिए”

Mayawati Big Statement on Trump Action: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री UP मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत पर आयात...

संसद में उठा “सेक्युलरिज़्म” हटाने का मुद्दा, मायावती बोलीं – संविधान से छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं!

नई दिल्ली: संसद में कानून मंत्री के बयान से देश की राजनीति में हलचल मच गई है. चर्चा गर्म है कि क्या सरकार संविधान...

संसद का मानसून सत्र 2025 शुरू: मायावती की सरकार-विपक्ष से एकजुटता की अपील

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बहनजी ने आज से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र 2025 को...

विश्वनाथ पाल ने दिया सपा को झटका, सैकड़ों मुस्लिम नेता बसपा में शामिल

यूपी: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और श्रावस्ती जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके मुखिया अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है. आज दिनांक...