Sharad Yadav Died: केंद्र सरकार में केबिनेट मंत्री रहे और संसद के दोनों सदनों से देशवासियों की सेवा करने वाले माननीय शरद यादव जी हमारे बीच नही रहे हैं. कल रात अस्पताल में ह्रदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. 75 वर्षीय शरद जी ने बहुजन समाज के लिए सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई में मनुवादियों से लौहा लिया.
उनके निधन पर विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने दुख व्यक्त किया है और परिवार का ढांढ़स बंधाया है.
बसपा सुप्रीमो मायावती जी ने कहा, “देश की राजनीति में जाना-पहचाना नाम व चेहरा तथा काफी लम्बे समय तक संसद के दोनों सदन के सदस्यों व पूर्व मंत्री रहे श्री शरद यादव जी के निधन की खबर अति-दुखद. उनके परिवार व सभी चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना. कुदरत उन सब को इस दुख को सहन की शक्ति दे.”
वहीं बसपा के नेशनल कॉर्डिनेटर ने अपनी पार्टी की नेता के बोल में सुर मिलाते हुए कहा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री शरद यादव जी के निधन की खबर बेहद दुखद है. मैं उनके शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ. कुदरत उन्हें ये दुख सहने की शक्ति दे.”
वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जी ने शरद यादव जी को सामाजिक न्याय के प्रेणता बताया. और उन्हे श्रंद्धाजलि अर्पित करी.
वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश अम्बेड़कर जी ने कहा, “शरद यादव नहीं रहे. आरएसएस के खिलाफ़ लड़ने वाला एक सच्चा योद्धा नही रहा. बहुतों को पता नहीं होगा लेकिन, जब नीतिश कुमार बीजेपी से सुलह के लिए गए तो शरद यादव को रक्षा मंत्री के पद की पेशकश की गई थी. लेकिन, उन्होने सिद्धांतों को श्रेष्ठ मानकर उसे नकार दिया. आरएसएस का साथ नहीं देंगे, इस भूमिका के साथ अकेल खड़े रहे. दुर्भाग्य से, इतिहास यह है कि जिस कांग्रेस की वे मदद करना चाहते थे, उन्होने केवल उनका इस्तेमाल किया और फिर उन्हे अपने हाल पे छोड़ दिया. पार्टी, परिवार और मेरी तरफ से इस योद्धा को भावभीनी श्रद्धांजलि.”