आम बजट 2023: बसपा सुप्रीमो मायावती ने आम बजट 2022-23 को हवाहवाई करार दिया है. उन्होने इस बजट को भी पिछले बजटों की भांति सिर्फ घोषणाओं, वादों, दावों से भरा हुआ बताया है.
बकौल मायावती, “देश में पहले की तरह पिछले 9 वर्षों में भी केंद्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किंतु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद.”
उन्होने अपने अगले ट्वीट में कहा, “इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं. पिछले साल की कमियाँ कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दाव पर लगा रहता है जैसे पहले था. लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?”
1. देश में पहले की तरह पिछले 9 वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद। 1/4
— Mayawati (@Mayawati) February 1, 2023
मायावती ने ग्रामीण भारत के विकास पर जोर देते हुए सरकार से इस ओर ध्यान देने की मांग करी और कहा, “सरकार की संकीर्ण नीतियों व गलत सोच का सर्वाधिक दुष्प्रभाव उन करोड़ों गरीबों किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं और असली भारत कहलाते हैं. सरकार उनके आत्म-सम्मान व आत्मनिर्भरता पर ध्यान दें ताकि आमजन की जेब भरे व देश विकसित हो.”
सरकार की कार्यशैली पर लताड़ लगाते हुए उन्होने कहा, “केंद्र जब भी योजना लाभार्थियों के आँकड़ों की बात करे तो उसे जरूर याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं. उनके लिए बातें ज्यादा हैं. बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर.”
गौरतलब है कि आज केंद्र सरकार द्वारा आम बजट 2023 पेश किया गया है.