42.9 C
New Delhi
Sunday, June 8, 2025

अडानी ग्रुप पर सरकार की चुप्पी पर बसपा सुप्रीमो ने उठाए सवाल

बसपा सुप्रीमो मायावती जी ने अडानी ग्रुप की वित्तिय अनियमित्ताओं पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाएं हैं. उन्होने आज तीन धड़ाधड़ ट्वीटकर इस मामले में सरकार को फटकार लगाई और आम जन कि गाढ़ी कमाई की सुरक्षा को लेकर सरकार से जवाब मांगा.

बीएसपी सुप्रीमो ने कहा, “देश में पिछले दो दिनों से गणतंत्र दिवस से ज्यादा प्रमुख अडानी उद्योग ग्रुप के सम्बंध में अमेरिकी फर्म हिण्डनबर्ग की आई निगेटिव रिपोर्ट व उसका शेयर बाजार पर व्यापक बुरा प्रभाव आदि काफी चर्चाओं में है. सरकार चुप है जबकि देश के करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई उससे जुड़ी हुई है.”

उन्होने आगे जोड़ा, “शेयरों में धोखाधड़ी आदि के आरोपों के बाद अडानी की सम्पत्ति में 22.6 अरब डॉलर की कमी व उनके विश्व रैंकिंग घटने से ज्यादा लोग इससे चिंतित हैं कि सरकार ने ग्रुप में जो भारी निवेश कर रखा है उसका क्या होगा? अर्थव्यवस्था का क्या होगा? बेचैनी व चिंता स्वाभाविक. समाधान जरूरी.”

सरकार को फटकार लगाते हुए बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा, “संसद के 31 जनवरी से शुरु हो रहे बजट सत्र के प्रारंभ में ही सरकार को इस मुद्दे पर विस्तार से स्वयं ही वक्तव्य सदन के दोनों सदन  में रखना चाहिए ताकि पूरे देश में व खासकर अर्बन मिडिल क्लास परिवारों में आर्ठीक जगत तथा अडानी ग्रुप आदि को लेकर छाई बेचैनी व मायूसी थोड़ी कम हो सके.”

गौरतलब है कि अमेरिकी फर्म हिण्डनबर्ग ने करीब 2 साल की रिसर्च के बाद अडानी ग्रुप की वित्तिय अनियमितओं पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है. जिससे पूरी दुनिया में अडानी ग्रुप पर सवालिया निशान लग रहे हैं. उनकी संपत्ति पर भी बुरा असर हुआ है और वे अमीरों की सूची में नीचे फिसल गए हैं.

Download Suchak App

खबरें अभी और भी हैं...

मायावती की निर्वाचन आयोग से अहम बैठक; EVM तथा चुनाव प्रणाली पर गंभीर चर्चा?

नई दिल्ली: देश की राजधानी स्थित निर्वाचन सदन में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बहनजी ने आज भरत के मुख्य निर्वाचन...

साम्प्रदायिकता का दुष्चक्र और भारतीय राजनीति की विडंबना

भारतीय राजनीति का वर्तमान परिदृश्य एक गहन और दुखद विडंबना को उजागर करता है, जहाँ साम्प्रदायिकता का जहर न केवल सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न...

सपा की नीति और दलित-बहुजन समाज के प्रति उसका रवैया: एक गंभीर विश्लेषण

भारतीय सामाजिक संरचना में जातिवाद और सामाजिक असमानता ऐसी जटिल चुनौतियाँ हैं, जिन्होंने सदियों से समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर दलित-बहुजन समुदाय को हाशिए...

दलित राजनीति का हाशियाकरण : एक करुण गाथा

भारत की सामाजिक-राजनीतिक वीथियों में दलित नेतृत्व का हाशियाकरण एक ऐसी करुण गाथा है, जो हृदय को मथ डालती है। यह गाथा उन अनकहे...

राजनैतिक परिपक्वता का अभाव: बहुजन समाज की चुनौती

बहन जी पर टिप्पणियाँ: एक चालाक रणनीतिभारत के राजनीतिक परिदृश्य में बहुजन विरोधी दल और उनके नेता अक्सर अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए...

बसपा ने मनाया बाबासाहेब का जन्मोत्सव और पार्टी का स्थापना दिवस

खैरथल: बहुजन समाज पार्टी जिला खैरथल ईकाई ने राष्ट्रनिर्माता, विश्वविभूति बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर का 134वां जन्मोत्सव किशनगढ़ बास मौजूद होटल ब्लू मून में...

भटकाव का शिकार : महार, मुस्लिम और दलित की राजनीतिक दुर्दशा

स्वतंत्र महार राजनीति का अंत महाराष्ट्र में महार समुदाय, जो कभी अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान के लिए जाना जाता था, आज अपने मुद्दों से भटक...

वक्फ बिल से बहुजन समाज पार्टी सहमत नहीं: मायावती

Waqf Bill: 2 अप्रैल 2025 को संसद नीचले सदन यानि लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया. जिसे घंटों की चर्चा के बाद...

ओबीसी की वास्तविक स्थिति और उनकी राजनीतिक दिशा

ओबीसी समाज में लंबे समय से यह गलतफहमी फैलाई गई है कि वे समाज में ऊंचा स्थान रखते हैं, जबकि ऐतिहासिक और सामाजिक वास्तविकता...

भारत का लोकतंत्र और चुनावी सुधार: आनुपातिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता

प्रस्तावना: विविधता और जाति व्यवस्था भारत एक विविधतापूर्ण देश है, जहाँ अनेक भाषाएँ, धर्म और हजारों जातियाँ सह-अस्तित्व में हैं। यहाँ की सामाजिक व्यवस्था में...

राजनैतिक लाभ के लिए घिनौनी राजनीति कर रही सपा: मायावती

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी सुमन के विवादित बयान पर राजनीति चर्चा तूल पकड़ती जा रही है. इस मामले में अब बसपा की...

जज यशवंत वर्मा प्रकरण और नालसा की मणिपुर विजिट के बीच संभावित कनेक्शन

मार्च 2025 में भारतीय न्यायिक और राजनीतिक परिदृश्य में दो समानांतर घटनाएँ चर्चा में रहीं—दिल्ली उच्च न्यायालय के जज यशवंत वर्मा से जुड़ा विवाद...