महाबोधि आंदोलन: बिहार के बोधगया में स्थिति विश्व धरोहर “महाबोधि महाविहार” की मुक्ति के लिए चल रहे आंदोलन को अब बहुजन समाज पार्टी का समर्थन भी मिल गया है. बाबासाहेब के मिशन को पूरा करने के लिए काम कर रही बसपा ने बोद्धों की धरोहर को आजाद करने के लिए बोद्धों के आंदोलन को बल दिया है.
राज्यसभा सांसद रामजी गौतम 26 फरवरी 2025 को सोशल मीडिया पर दिय गए बयान में सरकार से बड़ा सवाल पूछा है. सांसद जी ने सीधे पूछा, “अन्य धार्मिक मंदिरों, चर्चों, मस्जिदों में बौद्धों या अन्य कोई धर्म का व्यक्ति मेम्बर नहीं होता है तो बोधगया टेंपल कमेटी में बौद्धों के अलावा अन्य कोई मेंबर कैसे हो सकता है?”
बौद्ध धार्मिक स्थल तो सिर्फ बौद्ध मैनेजमेंट में क्यों नहीं?
दुनिया के तमाम देशों के भंते और बुद्ध अनुयायी बीटी एक्ट1949 को बदलकर बौद्ध गया टेंपल बौद्धों को दिया जाय।इनकी माँग सही है देश के संविधान के बाद 1949 के कानून की क्या ज़रूरत है।जिस तरह अन्य धार्मिक मंदिरों,चर्चों,मस्जिदों में बौद्ध या अन्य कोई धर्म का व्यक्ति मेम्बर नहीं होता है pic.twitter.com/rTrzEtr94E
— Er.Ramji Gautam MP Rajya Sabha (@ramjigautambsp) February 26, 2025
बहूजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद और कई प्रदेशों का प्रभार संभालने वाले रामजी गौतम ने सीधा सवाल उठाया है कि जब धार्मिक स्थल बौद्धों का है तो उसका प्रबंधन भी बौद्धों का ही होना चाहिए. अन्य धर्म के लोग मैनेजमेंट कमेटी में क्यों? क्या अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों के मैनेजमेंट कमेटी में को बौद्ध है?
उन्होने अपने बयान में कहा;
“दुनिया के तमाम देशों के बौद्ध भिक्खु और बुद्ध अनुयायी BT Act 1949 को बदलकर बोधगया टेंपल बौद्धों को दिया जाय. इनकी मांग सही है. देश के संविधान के बाद 1949 के कानून की क्या जरूरत है? जिस तरह अन्य धार्मिक मंदिरों, चर्चों, मस्जिदों में बौद्ध या अन्य कोई धर्म का व्यक्ति मेंबर नही होता है तो बोधगया टेंपल कमेटी में बौद्धों के अलावा अन्य कोई कैसे मेंबर हो सकता है.”