Kisan Andolan 2024: बसपा सुप्रीमो मायावती जी भी किसानों के पक्ष में नजर आ रही है. उन्होने आज सवेरे ही किसानों के लिए आवाज उठाई है. बहनजी ने सीधे मोदी सरकार पर हमला बोला है और किसान आंदोलन में सरकार के रवैये को किसानों का शोषण बता दिया है.
बसपा सुप्रीमो मायावती जी ने कहा, “अपने भारत को अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने वाले मेहनतकश किसानों की जी माँगे हैं सरकार उन्हे गंभीरता से ले तथा उन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके उनका समय से समुचित समाधान करे, ताकि अन्नदाता किसानों को अपनी माँगों के समर्थन में बार-बार आंदोलन के लिए मजबूर न होना पड़े…
उन्होने आगे कहा, “…इस सम्बंध में ‘दिल्लि चलो’ के वर्तमान अभियान के तहत आंदोलित किसानों पर सख्ती करने के बजाय केंद्र सरकार उनसे सही वार्ता करके उनके आंदोलन को समाप्त करने का प्रयास करे तो बेहतर तथा इनका शोषण करना भी ठीक नहीं.”
क्यों कर रहे हैं किसान आंदोलन – Demands of Farmer Protest to Government?
इस साल शुरु हुए इस किसान आंदोलन को किसान आंदोलन 2.0 कहा जा रहा है. क्योंकि इससे पहले भी किसान एक बार और आंदोलन कर चुके हैं.
सवाल आता है जब किसान पहले ही आंदोलन कर चुके हैं तो फिर अब दुबारा क्यों सड़कों पर उतरे हैं.
चलिए, जानते हैं इस बार क्या है किसान आंदोलन की प्रमुख माँगे (Demands of Farmer Protest)?
- किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं
- किसानों ने दिल्ली मोर्चा के दौरान केंद्र सरकार की ओर जिन माँगों को पूरा करने का भरोसा दिया था उन्हे तुरंत पूरा करे
- साल 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हे रद्द करने की मांग शामिल है
- पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवजा तथा एक सदस्य को नौकरी दी जाए
- लखीमपुर खीरी के पीड़ितों को केंद्र सरकार न्याय दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे
- सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ किया जाए
- 60 साल से ऊपर के किसानों को 10000 हजार रुपए पेंशन दी जाए
- कृषि व दुग्ध उत्पादों, फलों, सब्जियों तथा मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए
- कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए.
— Dainik Dastak —