राजस्थान: प्रदेश के अलवर जिले में स्थानीय पुलिस की दादागिरी का मामला सामने आया है. किशनगढ़ बास विधानसभा क्षेत्र के खैरथल के समीप लाल पहाड़ी गाँव के निवासी रामबाबू पुत्र रामेश्वर जाटव के घर खैरथल पुलिस थाने में तैनात तीन पुलिस कर्मियों ने जबरन मारपीट, गाली-गलौच और जाति सूचक गालियाँ दी है. इस मामले के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी के स्थानीय नेता हितेश रसगोन ने आवाज उठाई तब जाकर राजस्थान पुलिस हरकत में आई और मामले पर कार्रवाई करने का तत्काल आदेश दिया.
मामला ज्यादा हाईलाइट होने के बाद पुलिस हरकत में आई और बसपा नेता द्वारा सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट पर जवाब दिया. पुलिस ने कहा,
बता दें पीड़ित द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक मामला मुर्गा देने का बताया गया है. पुलिस के मुताबिक लालपहाड़ी निवासी रामबाबू पुत्र रामेश्वर जाटव ने मामला दर्ज कराया कि 5 सितंबर को साढ़े सात बजे उसका भांजा मामराज के घर के सामने एक पुलिस की गाड़ी आकर रुकी जिसमें तीन लोग शीशराम यादव, धर्मपाल यादव व अभयसिंह यादव थे. ये लोग भांजे के घर में घुसे और भांजा बहू रचना, रामबाबू की पत्नी रविता, भतीजी रजनी घर पर थी. जिनसे मुर्गा देने को कहा तो रचना ने मुर्गा देने से मना कर दिया, क्योंकि ये लोग पहले भी मुर्गा ले जाते तथा पैसे नहीं देते. इसलिए मुर्गा देने से मना कर दिया.
मना करने के बाद तीनों पुलिस कर्मियों द्वारा मौजूद सदस्यों के साथ मारपीट की गई और महिलाओं को डंड़ों से मारा तथा उन्हे जाति-सूचक शब्दों के साथ गालि-गलौच करी.
गौरतलब है कि स्थानीय बसपा नेताओं द्वारा पीड़ित से मिलकर रिपोर्ट दर्ज करवाई गई और पुलिस के खिलाफ लड़ने के लिए मनोबल दिया गया तथा हर कदम पर साथ निभाने का आश्वासन भी दिया. वहीं किशनगढ़ बास से पंचायत समीति सदस्य माननीय हितेश रसगोन जी ने इस मामले को सोशल मीडिया पर भी उठाय जिसकी बदौलत पुलिस पर दबाव बना और मामले पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित हो पाई.