यूपी: बहुजन समा पार्टी की दो दिवसीय लखनऊ में चल रही बैठक का कल समापन हो गया. इस बैठक में बसपा प्रमुख मायावती जी ने पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश पदाधिकारियों को दिए और समझाया कि हमारी लड़ाई अकूत धन-संपदा वाली पार्टीयों की साम, दाम, दंड़, भेद की नीति अपनाने वाली पार्टियों से है. इसलिए, आप कैडर रूपी छोटी-छोटी बैठक करके पार्टी की विचारचारा गाँव-गाँव जाकर लोगों को समझाएं.
बसपा, की इस बैठक में पहले दिन मंडल स्तरीय पदाधिकारियों की बैठक हुई थी. अगले दिन सभी जिला अध्यक्षों को बुलाकर मायावती जी ने खुद बैठक ली. इस दौरान पार्टी की गत चुनावों में हार की समीक्षा और वर्तमान में पार्टी कई संघटनात्मक स्थिति का आकंलना किया गया.
बसपा सुप्रीमो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दो दिन में हुई बैठक के बारे में सारी जानकारी सार्वजनिक की. उन्होने कहा,
- उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का दम रखने वाली बी.एस.पी. ही गरीब-विरोधी भाजपा की भी जड़ हिलाने में सक्षम, इसी लोक नजरिए व राजनीतिक वास्तविकता के धरातल पर नई जरूरत के साथ बहुजन समाज पार्टी यूपी यूनिट का दो-दिवसीय समीक्षा बैठकों का लंबा दौर आज (29, मई 2022) यहाँ समाप्त हुआ. आगे के लिए नये दिशा-निर्देश भी जारी.
- यूपी में आगामी 23 जून को होने वाले दो लोकसभा उपचुनाव में से एक सीट पर पूरी दमखम के साथ यह चुनाव लड़ने का भी फैंसला, जिसके सम्बंध में आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के बारे में पार्टी अपना फैंसला व प्रत्याशी भी काफी पहले ही घोषित कर चुकी है.
- बी.एस.पी सीमित संसाधनों वाली पार्टी है, जबकि इसका मुकाबला ज्यादातर बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल पर चलने वाली विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दंड़, भेद आदि हथकंड़ों से लगातार होता रहता है. इसीलिए पार्टी व इसके जनाधार को शहखर्ची आदि से दूर छोटी-छोटी कैडर बैठकों के बल ही मजबूत बनाना होगा.
- हालँकि यूपी विधानसभा आमचुनाव के नतीजे भरपूर लगन व मेहनत के बावजूद आपेक्षित रिजल्ट का नहीं आना किसी दुर्घटना से कम नहीं, किंतू राजनीति व मिशन इसी उतार-चढ़ाव का ही नाम है तथा परमपूज्य बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेड़कर के जीवन संघर्ष व उनके मिशन की तरह हिम्मत कतनी नहीं हारना है. कोई एक राजनीतिक घटनाक्रम पार्टी में दोबारा जान फूंक देगा, जिसके लिए सतत प्रयास जारी है.
- बेरोजगार की मार के शिकार स्वरोजगार करने को मजबूर गरीबों व युवाओं पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर हर दिन सरकारी जुल्म-ज्यादती व बुलडोजर के आतंक का शिकार बनाया जा रहा है. ऐसी गअरीब-विरोधी व्यवस्था क्यों?
आगे बहनजी ने पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक लोकसभा से 75,000 हजार नए सदस्य बनाने जो 2 महिने में परे हो जाने चाहिए. बहनजी खुद यूपी में एक्टिव रूप से लगी हुई है और 2024 कि तैयारियों को अभी से जायजा लेकर दुरुस्त करने में व्यस्त दिखाई दे रही है.