42.1 C
New Delhi
Monday, June 9, 2025

देश के हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं: मायावती

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो बहन कुमारी मायवती जी ने आज सुबह 10 बजे एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेस करके भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होने देश की वर्तमान हालात को देखते हुए कहा कि देश के हालात कभी बिगड़ सकते हैं.

बहनजी ने मीडिया बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि,

  • देश में निरंतर बढ़ रही गरीबी, बेरोजगारी व आसमान छू रही महंगाई आदि से त्रस्त जनत का ध्यान बाँटने के लिए बीजेपी वे इनके सहयोगी संगठनों द्वारा चुन-चुनकर व खासकर यहाँ धार्मिक स्थलों को जो निशाना बनाया जा रहा है तो यह किसी से छिपा नही हैं तथा इससे यहाँ कभी भी हालात बिगड़ सकते हैं.
  • आजादी के वर्षों बाद अब यहाँ ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल व अन्य और स्थलों के मामलों की भी आड़ में जिस प्रकार से षड़यंत्र के तहत लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है इससे देश मजबूत नहीं बल्कि कमजोर ही होगा. बीजेपी को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.
  • विशेषकर एक धर्म समुदाय से जुड़े स्थानों के नाम भी एक-एक करके जो बदलें जा रहे हैं तो इससे अपने देश में शांति, सद्भाव व भाईचारा आदि नहीं बल्कि आपसी नफरत एवं द्वेष की भावना पैदा होगी, यह सब अति-चिन्तनीय.
  • इन सबसे ना तो अपने देश का और ना ही यहाँ की आमजनता का भला हो सकता है.

बता दें बहनजी ने देश में वर्तमान हालातों को देखकर बीजेपी सरकार की घोर निंदा की है और उन्हे नसीहत देते हुए कहा कि सरकार जनता पर ध्यान दें और निरंतर बढ़ रही महंगाई से छिपने के बजाए इसे कंट्रोल करने के उपाय करें.

सरकार महंगाई से सवालों से बचने के लिए देश में धार्मिक भावनाएँ फैला रही है. और जनता को व्यर्थ के मुद्दों पर ध्यान भटका रही है.  

Download Suchak App

खबरें अभी और भी हैं...

मायावती की निर्वाचन आयोग से अहम बैठक; EVM तथा चुनाव प्रणाली पर गंभीर चर्चा?

नई दिल्ली: देश की राजधानी स्थित निर्वाचन सदन में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बहनजी ने आज भरत के मुख्य निर्वाचन...

साम्प्रदायिकता का दुष्चक्र और भारतीय राजनीति की विडंबना

भारतीय राजनीति का वर्तमान परिदृश्य एक गहन और दुखद विडंबना को उजागर करता है, जहाँ साम्प्रदायिकता का जहर न केवल सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न...

सपा की नीति और दलित-बहुजन समाज के प्रति उसका रवैया: एक गंभीर विश्लेषण

भारतीय सामाजिक संरचना में जातिवाद और सामाजिक असमानता ऐसी जटिल चुनौतियाँ हैं, जिन्होंने सदियों से समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर दलित-बहुजन समुदाय को हाशिए...

दलित राजनीति का हाशियाकरण : एक करुण गाथा

भारत की सामाजिक-राजनीतिक वीथियों में दलित नेतृत्व का हाशियाकरण एक ऐसी करुण गाथा है, जो हृदय को मथ डालती है। यह गाथा उन अनकहे...

राजनैतिक परिपक्वता का अभाव: बहुजन समाज की चुनौती

बहन जी पर टिप्पणियाँ: एक चालाक रणनीतिभारत के राजनीतिक परिदृश्य में बहुजन विरोधी दल और उनके नेता अक्सर अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए...

बसपा ने मनाया बाबासाहेब का जन्मोत्सव और पार्टी का स्थापना दिवस

खैरथल: बहुजन समाज पार्टी जिला खैरथल ईकाई ने राष्ट्रनिर्माता, विश्वविभूति बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर का 134वां जन्मोत्सव किशनगढ़ बास मौजूद होटल ब्लू मून में...

भटकाव का शिकार : महार, मुस्लिम और दलित की राजनीतिक दुर्दशा

स्वतंत्र महार राजनीति का अंत महाराष्ट्र में महार समुदाय, जो कभी अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान के लिए जाना जाता था, आज अपने मुद्दों से भटक...

वक्फ बिल से बहुजन समाज पार्टी सहमत नहीं: मायावती

Waqf Bill: 2 अप्रैल 2025 को संसद नीचले सदन यानि लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया. जिसे घंटों की चर्चा के बाद...

ओबीसी की वास्तविक स्थिति और उनकी राजनीतिक दिशा

ओबीसी समाज में लंबे समय से यह गलतफहमी फैलाई गई है कि वे समाज में ऊंचा स्थान रखते हैं, जबकि ऐतिहासिक और सामाजिक वास्तविकता...

भारत का लोकतंत्र और चुनावी सुधार: आनुपातिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता

प्रस्तावना: विविधता और जाति व्यवस्था भारत एक विविधतापूर्ण देश है, जहाँ अनेक भाषाएँ, धर्म और हजारों जातियाँ सह-अस्तित्व में हैं। यहाँ की सामाजिक व्यवस्था में...

राजनैतिक लाभ के लिए घिनौनी राजनीति कर रही सपा: मायावती

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी सुमन के विवादित बयान पर राजनीति चर्चा तूल पकड़ती जा रही है. इस मामले में अब बसपा की...

जज यशवंत वर्मा प्रकरण और नालसा की मणिपुर विजिट के बीच संभावित कनेक्शन

मार्च 2025 में भारतीय न्यायिक और राजनीतिक परिदृश्य में दो समानांतर घटनाएँ चर्चा में रहीं—दिल्ली उच्च न्यायालय के जज यशवंत वर्मा से जुड़ा विवाद...