41.1 C
New Delhi
Sunday, June 8, 2025

बजट पर बोली मायावती: सरकारी दावों व वादों से पेट नही भरेगा और नाही खाली पेट सरकारी भजन करेंगे

Budget 2025: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा मायावती बहनजी ने बजट 2025 पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होने इस बजट को राजनैतिक बजट बताया है. इस बजट से देशहित का कोई लेना-देना नही है. सिर्फ चुनिंदा लोगों को टैक्स छूट से खुशकर देश की बहुसंख्यक आबादी को छोड़ दिया गया है.

कल 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मणा सीतारमण के बजट भाषण के बाद उन्होने X पोस्ट के जरिए तुरंत अपना और अपनी पार्टी का स्टैंड क्लियर किया और आज 2 फरवरी को उन्होने विस्तारपूर्वक बजट पर अपनी बात रखी है.

बजट से बहुजन गायब

बजट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बहनजी ने बजट को चुनाव व राजनैतिक स्वार्थ पर आधारित बजट बताया है. उन्होने कहा, “केन्द्रीय बजट अगर चुनावी व राजनीतिक स्वार्थ पर आधारित होगा तो उससे व्यापकजन व देशहित कैसे संभव? केन्द्र सरकार का बजट विशुद्ध रूप से देश की प्रगति अर्थात् करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसान व अन्य मेहनतकशों के साथ-साथ खासकर दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों के हित व कल्याण को साधने वाला बहुजनों का हितैषी होना जरूरी तभी विकसित भारत का सपना व लक्ष्य की प्राप्ति आज नहीं तो कल संभव हो पाएगा.

केन्द्रीय बजट पर आज थोड़ा विस्तार से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुश्री मायावती जी ने कहा कि वैसे तो 12 लाख रुपए तक के इनकम टैक्स में छूट देने को सरकार व रुलिंग पार्टी भाजपा राजनीतिक रूप से काफी भनुनाने की कोशिश करने में लगी है, किन्तु वेतन पाने वाले मध्यम वर्ग के एक छोटे से समूह को ही इसका लाभमिल पाएगा तो फिर इससे सर्वजन हित कैसे संभव होगा.

वास्तव में देश की सम्पूर्ण कर व्यवस्था तथा जीएसटी कर व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है ताकि मासिक सैलरी पाने वाले मध्यम वर्ग के साथ ही रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों पर जीएसटी कर का भारी बोझ झेलने वाले सवा सौ करोड़ से अधिक देश की आबादी को इस महंगाई के दौर में थोड़ी राहत जरूर मिल सके.

बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी ने कहा कि भाजपा तथा उसकी केन्द्र सरकार की गलत नीयत एवं नीतियों के कारण देश में छाई जबरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, असुरक्षा जन व देशहित के ऐसे गंभीर वास्तविक मुद्दे हैं जिसके प्रति सच्ची देश भक्ति सोच व ईमानदार कार्यशैली बहुत जरूरी है तभी सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के लक्ष्य की प्रप्ति होगी.

बजट पेश करने में बीजेपी-कांग्रेस एक समान

बजट पर मायावती बहनजी ने आगे कहा कि बजट को जिस तरह कांग्रेस शासन में पेश किया जाता था. ठीक उसी तरह आज भाजपा पेश कर रही है. देशहित से किसी भी पार्टी का सरोकार नही रहा है. सिर्फ चुनावी नफा-नुकसान को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किये जा रहे हैं.

उन्होने इसमें आगे जोड़ा, “इसके अलावा, बजट जिस भी मद में निर्धारित किया जा रहा है उसका सही से उपयोग न होने से उसकी जमीनी लाभ लोगों को नहीं मिल पाना कांग्रेस के समय से ही बहुत बड़ी समस्या। इतना ही नहीं बल्कि बजट का सही आकलन, सही निर्धारण तथा बिना डाइबर्जन के सही से जमीनी उपयोग सुनिश्चित होना भी अति आवश्यक है वरना विकास व जीडीपी दर आदि के वादे और दावे सब वैसे ही हवा हवाई ही बने रहे जाएंगे जैसा कि कांग्रेस के समय से अब तक होता चला आ रहा है. देश की प्रगति व विकास पर सभी का हक होगा तभी देश गैर बराबरी व विषमताओं से मुक्त गौरव करने योग्य खुश व खुशहाल हो पाएगा. केवल सरकारी वादों व दावों से लोगों का पेट नहीं भरेगा और नाही खाली पेट लोग बहुत दिनों तक सरकारी भजन करेंगे.

सरकारें बसपा से सीखें

इस मौके पर उन्होने अपनी पार्टी यानि बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में किस तरह लोगों के हितों का ध्यान रखते हुए विकास किया गया. इसकी मिसाल भी पेश करी और सरकारों को अपना कार्यकाल याद दिलाया. उन्होने कहा, “बीएसपी की यूपी में चार बार रही बीएसपी की सरकार “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” के आधार पर सर्वसमाज की गरीब, बेरोजगारी, रोटी-रोजी के अभाव में मजबूरी का पलायन रोकने तथा पिछड़ापन आदि दूर करने के मामले में ऐसी मिसाल है जो लोगों के दिल-दिमाग में लगातार जीवित है. इसीलिए सरकार केन्द्र सरकार को राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ से ऊपर उठकर पूरी तरह से जन व देशहित में बजट का आवंटन तथा उससे भ्रष्टाचार से मुक्त जमीनी हकीकत में उतारना भी बहुत जरूरी है.

इस क्रम में अपनी कृषि उपज के लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए किसानों के आन्दोलन और इस दौरान उनकी हो रही मौतों का जरूरी संज्ञान बजट में नहीं होने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह उनकी मांगों पर ध्यान दे तथा उन्हें दिए गए आश्वासनों को जरूर बिना देरी किए पूरा करे”

Download Suchak App

खबरें अभी और भी हैं...

मायावती की निर्वाचन आयोग से अहम बैठक; EVM तथा चुनाव प्रणाली पर गंभीर चर्चा?

नई दिल्ली: देश की राजधानी स्थित निर्वाचन सदन में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बहनजी ने आज भरत के मुख्य निर्वाचन...

साम्प्रदायिकता का दुष्चक्र और भारतीय राजनीति की विडंबना

भारतीय राजनीति का वर्तमान परिदृश्य एक गहन और दुखद विडंबना को उजागर करता है, जहाँ साम्प्रदायिकता का जहर न केवल सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न...

सपा की नीति और दलित-बहुजन समाज के प्रति उसका रवैया: एक गंभीर विश्लेषण

भारतीय सामाजिक संरचना में जातिवाद और सामाजिक असमानता ऐसी जटिल चुनौतियाँ हैं, जिन्होंने सदियों से समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर दलित-बहुजन समुदाय को हाशिए...

दलित राजनीति का हाशियाकरण : एक करुण गाथा

भारत की सामाजिक-राजनीतिक वीथियों में दलित नेतृत्व का हाशियाकरण एक ऐसी करुण गाथा है, जो हृदय को मथ डालती है। यह गाथा उन अनकहे...

राजनैतिक परिपक्वता का अभाव: बहुजन समाज की चुनौती

बहन जी पर टिप्पणियाँ: एक चालाक रणनीतिभारत के राजनीतिक परिदृश्य में बहुजन विरोधी दल और उनके नेता अक्सर अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए...

बसपा ने मनाया बाबासाहेब का जन्मोत्सव और पार्टी का स्थापना दिवस

खैरथल: बहुजन समाज पार्टी जिला खैरथल ईकाई ने राष्ट्रनिर्माता, विश्वविभूति बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेड़कर का 134वां जन्मोत्सव किशनगढ़ बास मौजूद होटल ब्लू मून में...

भटकाव का शिकार : महार, मुस्लिम और दलित की राजनीतिक दुर्दशा

स्वतंत्र महार राजनीति का अंत महाराष्ट्र में महार समुदाय, जो कभी अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान के लिए जाना जाता था, आज अपने मुद्दों से भटक...

वक्फ बिल से बहुजन समाज पार्टी सहमत नहीं: मायावती

Waqf Bill: 2 अप्रैल 2025 को संसद नीचले सदन यानि लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया. जिसे घंटों की चर्चा के बाद...

ओबीसी की वास्तविक स्थिति और उनकी राजनीतिक दिशा

ओबीसी समाज में लंबे समय से यह गलतफहमी फैलाई गई है कि वे समाज में ऊंचा स्थान रखते हैं, जबकि ऐतिहासिक और सामाजिक वास्तविकता...

भारत का लोकतंत्र और चुनावी सुधार: आनुपातिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता

प्रस्तावना: विविधता और जाति व्यवस्था भारत एक विविधतापूर्ण देश है, जहाँ अनेक भाषाएँ, धर्म और हजारों जातियाँ सह-अस्तित्व में हैं। यहाँ की सामाजिक व्यवस्था में...

राजनैतिक लाभ के लिए घिनौनी राजनीति कर रही सपा: मायावती

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी सुमन के विवादित बयान पर राजनीति चर्चा तूल पकड़ती जा रही है. इस मामले में अब बसपा की...

जज यशवंत वर्मा प्रकरण और नालसा की मणिपुर विजिट के बीच संभावित कनेक्शन

मार्च 2025 में भारतीय न्यायिक और राजनीतिक परिदृश्य में दो समानांतर घटनाएँ चर्चा में रहीं—दिल्ली उच्च न्यायालय के जज यशवंत वर्मा से जुड़ा विवाद...