Budget 2025: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा मायावती बहनजी ने बजट 2025 पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होने इस बजट को राजनैतिक बजट बताया है. इस बजट से देशहित का कोई लेना-देना नही है. सिर्फ चुनिंदा लोगों को टैक्स छूट से खुशकर देश की बहुसंख्यक आबादी को छोड़ दिया गया है.
कल 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मणा सीतारमण के बजट भाषण के बाद उन्होने X पोस्ट के जरिए तुरंत अपना और अपनी पार्टी का स्टैंड क्लियर किया और आज 2 फरवरी को उन्होने विस्तारपूर्वक बजट पर अपनी बात रखी है.
बजट से बहुजन गायब
बजट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बहनजी ने बजट को चुनाव व राजनैतिक स्वार्थ पर आधारित बजट बताया है. उन्होने कहा, “केन्द्रीय बजट अगर चुनावी व राजनीतिक स्वार्थ पर आधारित होगा तो उससे व्यापकजन व देशहित कैसे संभव? केन्द्र सरकार का बजट विशुद्ध रूप से देश की प्रगति अर्थात् करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसान व अन्य मेहनतकशों के साथ-साथ खासकर दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों के हित व कल्याण को साधने वाला बहुजनों का हितैषी होना जरूरी तभी विकसित भारत का सपना व लक्ष्य की प्राप्ति आज नहीं तो कल संभव हो पाएगा.
केन्द्रीय बजट पर आज थोड़ा विस्तार से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुश्री मायावती जी ने कहा कि वैसे तो 12 लाख रुपए तक के इनकम टैक्स में छूट देने को सरकार व रुलिंग पार्टी भाजपा राजनीतिक रूप से काफी भनुनाने की कोशिश करने में लगी है, किन्तु वेतन पाने वाले मध्यम वर्ग के एक छोटे से समूह को ही इसका लाभमिल पाएगा तो फिर इससे सर्वजन हित कैसे संभव होगा.
वास्तव में देश की सम्पूर्ण कर व्यवस्था तथा जीएसटी कर व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है ताकि मासिक सैलरी पाने वाले मध्यम वर्ग के साथ ही रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों पर जीएसटी कर का भारी बोझ झेलने वाले सवा सौ करोड़ से अधिक देश की आबादी को इस महंगाई के दौर में थोड़ी राहत जरूर मिल सके.
बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी ने कहा कि भाजपा तथा उसकी केन्द्र सरकार की गलत नीयत एवं नीतियों के कारण देश में छाई जबरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, असुरक्षा जन व देशहित के ऐसे गंभीर वास्तविक मुद्दे हैं जिसके प्रति सच्ची देश भक्ति सोच व ईमानदार कार्यशैली बहुत जरूरी है तभी सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के लक्ष्य की प्रप्ति होगी.
बजट पेश करने में बीजेपी-कांग्रेस एक समान
बजट पर मायावती बहनजी ने आगे कहा कि बजट को जिस तरह कांग्रेस शासन में पेश किया जाता था. ठीक उसी तरह आज भाजपा पेश कर रही है. देशहित से किसी भी पार्टी का सरोकार नही रहा है. सिर्फ चुनावी नफा-नुकसान को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किये जा रहे हैं.
उन्होने इसमें आगे जोड़ा, “इसके अलावा, बजट जिस भी मद में निर्धारित किया जा रहा है उसका सही से उपयोग न होने से उसकी जमीनी लाभ लोगों को नहीं मिल पाना कांग्रेस के समय से ही बहुत बड़ी समस्या। इतना ही नहीं बल्कि बजट का सही आकलन, सही निर्धारण तथा बिना डाइबर्जन के सही से जमीनी उपयोग सुनिश्चित होना भी अति आवश्यक है वरना विकास व जीडीपी दर आदि के वादे और दावे सब वैसे ही हवा हवाई ही बने रहे जाएंगे जैसा कि कांग्रेस के समय से अब तक होता चला आ रहा है. देश की प्रगति व विकास पर सभी का हक होगा तभी देश गैर बराबरी व विषमताओं से मुक्त गौरव करने योग्य खुश व खुशहाल हो पाएगा. केवल सरकारी वादों व दावों से लोगों का पेट नहीं भरेगा और नाही खाली पेट लोग बहुत दिनों तक सरकारी भजन करेंगे.
सरकारें बसपा से सीखें
इस मौके पर उन्होने अपनी पार्टी यानि बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में किस तरह लोगों के हितों का ध्यान रखते हुए विकास किया गया. इसकी मिसाल भी पेश करी और सरकारों को अपना कार्यकाल याद दिलाया. उन्होने कहा, “बीएसपी की यूपी में चार बार रही बीएसपी की सरकार “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” के आधार पर सर्वसमाज की गरीब, बेरोजगारी, रोटी-रोजी के अभाव में मजबूरी का पलायन रोकने तथा पिछड़ापन आदि दूर करने के मामले में ऐसी मिसाल है जो लोगों के दिल-दिमाग में लगातार जीवित है. इसीलिए सरकार केन्द्र सरकार को राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ से ऊपर उठकर पूरी तरह से जन व देशहित में बजट का आवंटन तथा उससे भ्रष्टाचार से मुक्त जमीनी हकीकत में उतारना भी बहुत जरूरी है.
इस क्रम में अपनी कृषि उपज के लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए किसानों के आन्दोलन और इस दौरान उनकी हो रही मौतों का जरूरी संज्ञान बजट में नहीं होने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह उनकी मांगों पर ध्यान दे तथा उन्हें दिए गए आश्वासनों को जरूर बिना देरी किए पूरा करे”