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Saturday, April 19, 2025
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Indra Saheb

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आपका जन्म शिक्षा भूमि, कर्मा जगदीशपुर, नौगवां, अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश (भारत) में हुआ है। आपके पिताजी का नाम श्री तिलकधारी और माताजी का नाम श्रीमती इन्द्रावती है। आप बचपन से ही समाज में फैले भेदभाव से रूबरू होने लगे थे। आपके बाल मन ने सवाल करना शुरू कर दिया था। इसी का परिणाम है कि सदियों से चली आ रही पिता के सरनेम को अपनाने की परिपाटी को त्यागकर आपने अपनी माताजी के नाम को अपना सरनेम बनाया जो नारी सशक्तिकरण का द्योतक है। आप शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और साहित्यिक आन्दोलन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। आपकी शोधपरक प्रवृत्ति, समझ व लेखन का ही परिणाम है कि आपके तमाम शोध-पत्र, लेख भारत ही नहीं बल्कि विश्व के तमाम पाठक विभिन्न पटलों पर पढ़ चुके हैं। A-LEF Series-1 की श्रृंखला के तहत आपका शोध-ग्रन्थ, 'मान्यवर कांशीराम साहेब संगठन-सिद्धांत एवं सूत्र', 2021 में प्रकाशित हो चुका है जिसे विद्वजनों द्वारा हाथों-हाथ लिया जा रहा है। जहाँ एक तरफ बहुजन वैचारिकी एवं बहुजन महानायकों/महानायिकाओं के सन्देशों, संघर्षों एवं शौर्यगाथाओं को जन-जन तक पहुँचाने की कड़ी में दीक्षा दीप महोत्सव, अम्बेडकर महोत्सव, संविधान महोत्सव, मान्यवर महोत्सव एवं माया महोत्सव आपकी प्रमुख सामाजिक और सांस्कृतिक पहल है तो वहीं दूसरी तरफ भारत राष्ट्रनिर्माण में महानतम योगदान देने वाले महानायकों/महानायिकाओं के विचारों, संदेशों, संघर्षों एवं शौर्यगाथाओं को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से शुरू किये गए पाँच महत्त्वपूर्ण माह, दीक्षा माह, अम्बेडकर माह, संविधान माह, मान्यवर माह एवं माया माह, का सेलिब्रेशन आपकी राजनैतिक और शैक्षणिक पहल है। आपका शोध, अध्ययन, तजुर्बा, सोच-समझ एवं संघर्षगाथा प्रेरणादायी है। आपके लेख राजनैतिक व सामाजिक मुद्दों को समझने एवं सटीक निष्कर्ष पर पहुँचने में बहुत उपयोगी हैं। आप एक युवा आइकॉन, कवि, लेखक, राजनैतिक विश्लेषक, सामाजिक चिंतक, प्रेरक व प्रखर वक्ता हैं। आपके व्यक्तित्व, कृतित्व, चिन्तन व संघर्ष आदि से प्रभावित होकर लोग आपको प्यार व सम्मान से इन्द्रा साहेब कह कर सम्बोधित करते हैं।

व्यवस्था परिवर्तन का प्रचंड अग्निकांड: दलित समाज का नवजागरण और अमर विजय गाथा

आज का युग अधीरता का नहीं, क्रांति का युग है। चाहे जीवन की संकरी गलियां हों या राजनीति का विशाल रणक्षेत्र, हर दिल में...

जज यशवंत वर्मा प्रकरण और नालसा की मणिपुर विजिट के बीच संभावित कनेक्शन

मार्च 2025 में भारतीय न्यायिक और राजनीतिक परिदृश्य में दो समानांतर घटनाएँ चर्चा में रहीं—दिल्ली उच्च न्यायालय के जज यशवंत वर्मा से जुड़ा विवाद...

बहुजन क्रांति: संकल्प से विजय तक

बहुजन हुंकार उठी क्षितिज से,गूंज उठा नील गगन।सत्ता सिंहासन से बात बनेगी,संकल्प लिया हर बहुजन।। बुद्ध रैदास कबीर का ज्ञान अपार,काशी बहना ने किया खूब...

समता, समरसता और इनकी प्रासंगिकता

समता और समरसता दो ऐसे शब्द हैं जो भारतीय सामाजिक और दार्शनिक संदर्भ में गहरे अर्थ रखते हैं। ये दोनों अवधारणाएं सामाजिक व्यवस्था बनाने...

न्यायपालिका में आरक्षण: लोकतंत्र और विविधता का सवाल

भारतीय संविधान, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें विविधता को संरक्षित करने और सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करने...

दलित-पिछड़ा गठजोड़ और बसपा: 2027 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के संदर्भ में संभावित प्रभाव और भविष्य

बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) ने अपनी स्थापना से ही दलितों, पिछड़ों, और अन्य वंचित समुदायों के उत्थान और सशक्तिकरण को अपना प्रमुख लक्ष्य बनाया...

कविता: बहुजन का उदय

बहुजन का उदय कांग्रेस ने वादे किए, पर भूल गई सब काम,भाजपा भी छलती रही, सबने किया अत्याचार,मनुवाद की जंजीरों में, बंधा रहा बहुजन समाज।बाबासाहेब...

पड़ताल: ‘बसपा’ के खिलाफ ही दुष्प्रचार क्यों?

भारत में तमाम राजनीतिक दल सक्रिय हैं। कुछ मजबूती से सत्ता में तो कुछ विपक्ष में क़ायम हैं। सबके अपने-अपने मुद्दे और निहित उद्देश्य...

कविता: ऐसी थी बहना की सरकार

चहुँ ओर थी शांति,सब थे खुशहाल,गुंडे काँपे थर-थर,थी जब बहना की सरकार। ईख की कीमत हुई थी दोगुनी,किसानों ने देखा था चमत्कार,वजीफ़ा सबको मिलने लगा,स्कूल...

देहुली दलित नरसंहार, मैनपुरी

परिचय देहुली दलित नरसंहार, जो 18 नवंबर 1981 को उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले (तत्कालीन फिरोज़ाबाद क्षेत्र) के देहुली गाँव में हुआ, भारत के इतिहास...

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