31.9 C
New Delhi
Saturday, April 19, 2025
- Advertisement -spot_img

AUTHOR NAME

Indra Saheb

102 POSTS
0 COMMENTS
आपका जन्म शिक्षा भूमि, कर्मा जगदीशपुर, नौगवां, अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश (भारत) में हुआ है। आपके पिताजी का नाम श्री तिलकधारी और माताजी का नाम श्रीमती इन्द्रावती है। आप बचपन से ही समाज में फैले भेदभाव से रूबरू होने लगे थे। आपके बाल मन ने सवाल करना शुरू कर दिया था। इसी का परिणाम है कि सदियों से चली आ रही पिता के सरनेम को अपनाने की परिपाटी को त्यागकर आपने अपनी माताजी के नाम को अपना सरनेम बनाया जो नारी सशक्तिकरण का द्योतक है। आप शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और साहित्यिक आन्दोलन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। आपकी शोधपरक प्रवृत्ति, समझ व लेखन का ही परिणाम है कि आपके तमाम शोध-पत्र, लेख भारत ही नहीं बल्कि विश्व के तमाम पाठक विभिन्न पटलों पर पढ़ चुके हैं। A-LEF Series-1 की श्रृंखला के तहत आपका शोध-ग्रन्थ, 'मान्यवर कांशीराम साहेब संगठन-सिद्धांत एवं सूत्र', 2021 में प्रकाशित हो चुका है जिसे विद्वजनों द्वारा हाथों-हाथ लिया जा रहा है। जहाँ एक तरफ बहुजन वैचारिकी एवं बहुजन महानायकों/महानायिकाओं के सन्देशों, संघर्षों एवं शौर्यगाथाओं को जन-जन तक पहुँचाने की कड़ी में दीक्षा दीप महोत्सव, अम्बेडकर महोत्सव, संविधान महोत्सव, मान्यवर महोत्सव एवं माया महोत्सव आपकी प्रमुख सामाजिक और सांस्कृतिक पहल है तो वहीं दूसरी तरफ भारत राष्ट्रनिर्माण में महानतम योगदान देने वाले महानायकों/महानायिकाओं के विचारों, संदेशों, संघर्षों एवं शौर्यगाथाओं को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से शुरू किये गए पाँच महत्त्वपूर्ण माह, दीक्षा माह, अम्बेडकर माह, संविधान माह, मान्यवर माह एवं माया माह, का सेलिब्रेशन आपकी राजनैतिक और शैक्षणिक पहल है। आपका शोध, अध्ययन, तजुर्बा, सोच-समझ एवं संघर्षगाथा प्रेरणादायी है। आपके लेख राजनैतिक व सामाजिक मुद्दों को समझने एवं सटीक निष्कर्ष पर पहुँचने में बहुत उपयोगी हैं। आप एक युवा आइकॉन, कवि, लेखक, राजनैतिक विश्लेषक, सामाजिक चिंतक, प्रेरक व प्रखर वक्ता हैं। आपके व्यक्तित्व, कृतित्व, चिन्तन व संघर्ष आदि से प्रभावित होकर लोग आपको प्यार व सम्मान से इन्द्रा साहेब कह कर सम्बोधित करते हैं।

बसपा – सकारात्मक बदलाव की सफलतम दास्ताँ

अत्याचारों का अंत और बहुजन सत्ता का उदय आज बहुजन समाज—दलित, आदिवासी और पिछड़े—जातिगत अत्याचारों के दंश से कराह रहा है। उनकी बच्चियों की अस्मिता...

समतावादी संस्कृति की ओर

नववर्ष संकल्प : बहुजन समाज की स्वतंत्र पहचान का सृजन नये वर्ष के आगमन पर बहुजन समाज के समक्ष एक स्वर्णिम अवसर है कि वह...

जातिवादी व व्यापारी मीडिया के दुष्चक्र में बहुजन

मीडिया का व्यापार और बहुजन समाज का भटकाव पहले जब मीडिया खबरें देता था, तो यह व्यवसाय कहलाता था, किंतु आज यह खबरें बनाता है...

ओबीसी समाज का बसपा से भटकाव ही उनकी दुर्दशा का कारण है

हाथी का पतन, बंदर का राज : बहुजन आंदोलन की दिशा जंगल में शाकाहारी जानवरों का राजा हाथी धीर-गंभीर और बुद्धिमत्ता के साथ शासन करता...

सिर्फ विचारधारा से नहीं, राजनैतिक समीकरण से सत्ता मिलती है

विचारधारा और समीकरण : बहुजन समाज के समक्ष बसपा का दृष्टिकोण हर राजनैतिक दल की एक विचारधारा होती है, जो उसकी कार्यशैली, रीति-नीति और कैडर...

‘हिन्दू-मुस्लिम’ से आगे अब ‘धम्म’ के दोहन की तैयारी में मनुवादी

दिल्ली धम्म दीक्षा प्रकरण: बहुजन समाज का भटकाव और बसपा की राह वर्ष 2022 में दिल्ली के धम्म दीक्षा प्रकरण ने बहुजन समाज को सड़कों...

नकारात्मक एजेण्डे का शिकार बहुजन खुद के लिए ही घातक है

बहुजन समाज का पथभ्रष्टिकरण : सकारात्मक एजेंडा ही समाधान सामाजिक न्याय के स्वघोषित चिंतक, लेखक और पत्रकार, जो बहुजन समाज के हितों की पैरवी का...

भारत राष्ट्र निर्माण हेतु संघर्षरत है बसपा

भारत राष्ट्र निर्माण : समतावादी मार्ग और बसपा की भूमिका भारत के राष्ट्र निर्माण हेतु सकारात्मक एजेंडा स्थापित कर समतावादी विचारधारा से प्रेरित होकर आत्मसंयम,...

समतावादी नायकों, तिथियों, पर्वों, विचारों को बढ़ावा दिया जाए

शिक्षक दिवस : समतावादी संस्कृति का प्रश्न और दिशा आज प्रभात में जब सोशल मीडिया पर दृष्टि डाली, तो ज्योतिबा फुले, माता सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब...

ब्रहम्ण वर्चस्व को चुनौती, गढ़े गए ईश्वर की संख्या के समानुपाती है

देवता, जाति और ब्राह्मणवादी व्यवस्था : एक समीक्षात्मक विश्लेषण जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति प्रो. संतिष्ट्री धूलिपुडी पंडित ने हाल ही में डॉ. बी.आर....

Latest news

- Advertisement -spot_img