इन्द्रा साहेब जन्म उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर जिले के कर्मा जगदीशपुर, नौगवां, अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र में हुआ। उनके पिता श्री तिलकधारी और माता श्रीमती इन्द्रावती हैं। बचपन से ही सामाजिक भेदभाव को देखकर उनके बाल मन ने सवाल उठाने शुरू किए, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने पितृसत्तात्मक परंपरा को तोड़ते हुए अपनी माता के नाम इन्द्रा को अपना सरनेम चुना, जो नारी सशक्तिकरण का प्रतीक है।
इन्द्रा साहेब एक प्रख्यात कवि, लेखक, शोधकर्ता, राजनैतिक विश्लेषक, सामाजिक चिंतक और प्रेरक वक्ता हैं। उनकी शोधपरक लेखनी और विचारों ने भारत और विश्व स्तर पर पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है। उनकी पुस्तक ‘मान्यवर कांशीराम साहेब संगठन-सिद्धांत एवं सूत्र’ (A-LEF Series-1, 2021) को विद्वानों ने खूब सराहा। इसके बाद A-LEF Series-2 & 3: राष्ट्र निर्माण की ओर (लेख संग्रह) भाग-1 व 2 प्रकाशित हो चुकी हैं, जो अमेज़न, फ्लिपकार्ट और गूगल बुक्स पर उपलब्ध हैं।
इन्द्रा साहेब ने सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक आंदोलनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने दीक्षा दीप महोत्सव, अम्बेडकर महोत्सव, संविधान महोत्सव, मान्यवर महोत्सव और माया महोत्सव जैसे आयोजनों के माध्यम से बहुजन वैचारिकी और महानायकों/महानायिकाओं के संघर्ष व संदेशों को जन-जन तक पहुँचाया। साथ ही, दीक्षा माह, अम्बेडकर माह, संविधान माह, मान्यवर माह और माया माह जैसे उत्सवों की शुरुआत कर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले महान व्यक्तित्वों के विचारों को प्रचारित किया।
उनका व्यक्तित्व, कृतित्व, चिंतन और संघर्ष युवाओं के लिए प्रेरणादायी है। सामाजिक और राजनैतिक मुद्दों पर उनके लेख विश्लेषणात्मक और उपयोगी हैं। एक युवा आइकॉन के रूप में इन्द्रा साहेब समाज में बदलाव के लिए निरंतर कार्यरत हैं।